धान की खरीदी के लिए पीएम को पत्र लिखने सीएम ने किया किसानों से आव्हान, जांजगीर-चांपा जिले में बनेंगी चार नई तहसीलें

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जांजगीर के पटेल उद्यान में लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर जांजगीर-चांपा जिले में चार नई तहसीलों की घोषणा की है। आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की 144वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर पूरा देश श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इसके साथ ही उन्होंने 2500 रु. क्विंटल मूल्य पर धान की खरीदी की अनुमति केंद्र द्वारा प्रदान किए जाने के लिए किसानों से प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का आव्हान किया।

रायपुर (छत्तीसगढ़)। लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 144 वीं जयंती पर जांजगीर चांपा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत की देशी रियासतों का एकीकरण एक चुनौती थी, किन्तु इस चुनौती को स्वीकार कर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने रियासतों के एकीकरण का काम सफलतापूर्वक किया। जो उनके राजनैतिक जीवन की ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि एक लौह पुरूष और दूसरी आयरन लेडी के नाम से विख्यात इन दोनों हस्तियों ने देश की सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने की थी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बम्हनीडीह, बाराद्वार, सारागांव और अड़भार को तहसील का दर्जा दिए जाने की घोषणा की। कुर्मी क्षत्रिय समाज की मांग पर जांजगीर जिला मुख्यालय में एक सर्वसुविधा युक्त सामुदायिक भवन की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि इस वर्ष केन्द्र सरकार 2500 रूपये में धान खरीदी की अनुमति देने आनाकानी कर रही है। उन्होंने सभी किसानों का आह्वान कर कहा कि वे 2500 रूपये में धान खरीदी करने छत्तीसगढ़ सरकार को अनुमति देेने प्रधानमंत्री को शीघ्र आग्रह पत्र प्रेषित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लोगों के प्रति अपनेपन और आत्मीयता की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा गोबर और मिट्टी से तथा कुम्हारों द्वारा बनाये गये मिट्टी के दिये इस दीपावली में उपयोग किये गये। इससे यहां के लोगों के पारंपरिक व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही 35 किलो चावल वितरण, किसानों की ऋणमाफी और 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी के कारण छत्तीसगढ़ मंदी से बेअसर रहा।

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