बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में जारी टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान के तहत उप जेल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। उप जेल में निरुद्ध 157 बंदियों की परीक्षण किया गया। जिनमें से 6 टीबी तथा एक-एक बंदी एचआईवी और मधुमेह रोग से पीडि़त पाया गया। आईसीटीसी परामर्शदाता पुराणिक नायक द्वारा 84 बंदियों की एचआईवी काउंसलिंग की गई। वहीं जिला अस्पताल के मेडिकल लेब टेक्नालॉजिस्ट संजय तिवारी ने एचआईवीए शुगर की जांच की गई। जांच दल द्वारा 64 बंदियों का कोरोना एंटीजन जांच की गई जिसमें सभी नेगेटिव आए। इस मौके पर मानसिक रोग परामर्शदाता गोपिका व एनसीडी परामर्शदाता गोविंद द्वारा नशामुक्ति के लिए बंदियों की काउंसलिंग भी की गई।
सीएमएचओ डॉ. एस. के. शर्मा के मार्गदर्शन में जेलर एसपी कुर्रे, जिला टीबी उन्नमूलन अधिकारी डॉ. जीएस ठाकुर, डॉ. नितेश चौबे, डीपीसी संपत्ति बंजारे की उपस्थिति में विचाराधीन बंदियों की जांच की गई। शिविर में डीपीपीएमसी यशवंत भारद्वाज, एमएलटी पुष्कर अवस्थी, एसटीएस गिरधर देवांगन, टीबी एचबी सुनील पात्रे, एसटीएलएस अरुण ठाकुर, फर्मासिस्ट दीक्षा अंगोर के साथ जेल स्टाफ का भी सहयोग प्राप्त हुआ।
जिला टीबी उन्नमूलन अधिकारी डॉ. जीएस ठाकुर ने बताया जिले में तीन चरणों में सघन टीबी रोगी खोज अभियान 11 जनवरी से 15 फरवरी तक चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान जांच में टीबी के लक्षण मिलने पर बलगम के साथ.साथ कोरोना की भी जांच कर सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने बताया अभियान के तहत लोगों को सावधानियाँ बताते हुए जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में टीबी के साथ एड्स के रोगियों की भी पहचान की जा रही है। जिले की शहरी मलिन बस्तियों में घर-घर जाकर, खदान, औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों के लिए टीबी खोज अभियान का कार्ययोजना तैयार किया गया है। टीबी खोजी टीम लोगों से अपील कर रही है कि इस रोग को छिपाएं नहीं उसका इलाज कराएं। इलाज से टीबी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।