सिमि ने यूपीएससी में हासिल किया 31 वां रैंक, सेंस आफ ह्यूमर से बदल दिया था इंटरव्यू का माहौल

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। यूपीएससी में 31 वां रैंक हासिल करने वाली सिमी करण का आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे एवं एसपी प्रशांत ठाकुर ने उनका सम्मान किया। इस अवसर पर सिमी ने अपने अब तक का सफर साझा किया। सबसे रोचक अनुभव उन्होंने इंटरव्यू का बताया। उनसे एक अप्रत्याशित प्रश्न पूछा गया कि आईआईटी कैंपस पवई जहां से उन्होंने बीटेक किया है वहां इधर उधर गायें काफी घूमती दिखती हैं। इस पर आपका क्या कहना है। सिमी को लगा कि बोर्ड मेरा जजमेंट इस पर देखना चाहता है। यह थोड़ा अलग सा प्रश्न था, मुझे लगा कि इसका उत्तर भी इसी ढंग से दिया जाए तो बेहतर होगा। मैंने कहा कि हम लोगों ने तो आईआईटी क्रैक कर यहां तक पहुंचने में बड़ी मेहनत की, ये गायें बड़ी भाग्यशाली हैं जो यहां विचरण कर पाती हैं। इस उत्तर से माहौल बिल्कुल हल्का हो गया और मुझे लगा कि यह प्रश्न इंटरव्यू को सकारात्मक दिशा में ले जाने का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। सिमी ने बताया कि आईएएस की तैयारी का विचार हमेशा से नहीं था। यह बीटेक करने के दौरान आया। मैं कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम में जुटी थी। मुझे बहुत अच्छा लगा तब ऐसा महसूस हुआ कि कौन सी ऐसी सर्विस है जहां पर काम करने का लोगों की मदद करने का बड़ा दायरा मुझे मिल पाएगा। फिर आईएएस की तैयारी शुरू की।

इस मौके पर कलेक्टर ने सिमी को बधाई देते हुए कहा कि आपने हमारे जिले का गौरव बढ़ाया है आपसे बहुत से लोगों को प्रेरणा मिली है। अभी आप एक दो महीने ट्रेनिंग से पहले यहीं रहेंगी। मैं चाहता हूँ कि यूपीएससी की तैयारी के इच्छुक जिले के प्रतिभागियों को इस संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करें। कलेक्टर ने इस मौके पर सिमी के माता-पिता का भी सम्मान किया। सिमी के पिता बीेएसपी में अधिकारी हैं और माता डीपीएस दुर्ग में टीचर हैं। कलेक्टर ने कहा कि बिटिया की इस बड़ी सफलता के पीछे आपकी भागीदारी भी बहुत बड़ी है जिन्होंने बेटी को इतने ऊंचे मुकाम के लिए तैयार किया। कलेक्टर ने कहा कि सिमी अभी केवल 22 साल की हैं। उन्हें अभी लंबा करियर तय करना है। इतनी जल्दी उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया, यह बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि अपने परिवेश में जब कोई इतनी बड़ी परीक्षा के लिए चयनित होता है तो यकीनन ही वो बहुत से लोगों को प्रोत्साहित करता है और बहुत से प्रतिभाशाली लोगों के मेहनत को नई दिशा मिल जाती है। उनके मार्गदर्शन से वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं। एसपी ने कहा कि आपकी सफलता छोटे शहरों में रहकर बड़े सपने देखने वालों को पंख देते हैं। इससे केवल दुर्ग-भिलाई के युवा ही उत्साहित नहीं हुए हैं अपितु पूरे प्रदेश में युवाओं में मनोबल बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि सिमी वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ से बारहवीं बोर्ड सीबीएसई की टापर भी रही हैं। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई आईआईटी मुंबई से की। इस मौके पर सिमी ने कलेक्टर एवं एसपी के प्रति आभार जताया।

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