रायपुर (छत्तीसगढ़)। श्मशान घाटों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) से बनने वाले बाउंड्री-वॉल जीवित पेड़ों व झाड़ियों तथा खाई-सह-मेड़ (DCB – Ditch-cum-Bund) से बनाए जाएंगे। मनरेगा आयुक्त कार्यालय ने श्मशान घाटों में बाउंड्री-वॉल के लिए लाइव या ग्रीन फेंसिंग तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मनरेगा आयुक्त कार्यालय ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। कार्यालय ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश का उल्लेख करते हुए कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत श्मशान घाटों में बाउंड्री-वॉल के कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए पक्का या आर.सी.सी. निर्माण की अनुमति नहीं है। श्मशान घाट के चारों ओर उपयुक्त जीवित पेड़ों और झाड़ियों के उपयोग से जीवंत बाउंड्री-वॉल या खाई-सह-मेड़ का निर्माण किया जा सकता है।