सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में वंशवाद को रोकने के लिए एक अहम प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने प्रस्तुत किया है। अगर इस पर अमल किया जाता है, तो यह न्यायिक नियुक्तियों में समावेशिता बढ़ा सकता है और वंशानुगत योग्यता के प्रभाव को खत्म कर सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम को निर्देश देने पर विचार कर सकता है कि वे उन उम्मीदवारों की सिफारिश करने से बचें जिनके माता-पिता या करीबी रिश्तेदार वर्तमान या पूर्व सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे हों।
हालांकि इस प्रस्ताव से कुछ योग्य उम्मीदवार अयोग्य हो सकते हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह पहल पहली पीढ़ी के वकीलों के लिए अवसर बढ़ाने और संवैधानिक अदालतों में विविध समुदायों के प्रतिनिधित्व को व्यापक बनाने का काम कर सकती है।