छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत ने इस गिरफ्तारी को बिना सबूत के उठाया कदम बताया है। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि किसी को फंसाया जा रहा है, तो वह अदालत में अपनी अपील कर सकता है।
सीएम विष्णुदेव साय का बयान
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह गिरफ्तारी हमारी सरकार द्वारा किए गए वादे का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि भाजपा सरकार बनने पर पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
साय ने जानकारी दी कि 2020 से 2022 के बीच पीएससी भर्ती में हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इस दौरान तमन सिंह सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने एक कारोबारी से 45 लाख रुपये की रिश्वत लेकर उसके बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दी। सीबीआई ने जांच के बाद सोनवानी और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
पीएससी घोटाले के आरोप
जांच में यह सामने आया है कि मेरिट लिस्ट में सीनियर अधिकारियों, कारोबारियों और नेताओं के बच्चों के नाम शामिल कर गड़बड़ी की गई। रिश्वत के माध्यम से नियुक्तियां करवाई गईं, जिससे छत्तीसगढ़ पीएससी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि बिना ठोस सबूतों के गिरफ्तारी भाजपा सरकार द्वारा विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है।
सीबीआई जांच जारी
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सीबीआई इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।
यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़े विवाद का कारण बन गया है और आगामी चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है।