दुबई । ईरान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब ने हज से पहले उसके सरकारी टेलीविजन प्रसारणकर्ता की टीम के छह सदस्यों को एक सप्ताह तक हिरासत में रखने के बाद निष्कासित कर दिया है। सऊदी अरब ने घटनाक्रम पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सऊदी अरब और ईरान के बीच चीन की मध्यस्थता में हुए समझौते के एक साल बाद यह घटना हुई है। सऊदी में पवित्र स्थलों को लेकर खासकर हज यात्रा के संबंध में सुन्नी और शिया देशों के बीच दशकों से तनाव रहा है। ईरानी सरकारी टीवी ने बताया कि गिरफ्तारियां एक हफ्ते पहले शुरू हुई थीं, जब मदीना में पैगम्बर मुहम्मद की मस्जिद में कुरान पढ़ने की रिकॉर्डिंग करते समय उसकी टीम के तीन सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।
ईरानी टीवी ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि उसके सदस्यों को हिरासत में क्यों लिया गया, लेकिन कहा कि ‘‘कई घंटों की पूछताछ’’ के बाद उन्हें पुलिस हिरासत केंद्र में रखा गया। इसके दो दिन बाद, सऊदी पुलिस ने ईरान के अरबी के अल आलम चैनल के एक पत्रकार और एक अन्य सरकारी टीवी चैनल के पत्रकार को हिरासत में ले लिया, जब वे ईरानी श्रद्धालुओं के साथ नमाज में शामिल होने के लिए कार से उतरे थे। एक अन्य रेडियो पत्रकार को मदीना के एक होटल में हिरासत में लिया गया। ईरानी टीवी ने बताया कि उसकी टीम के छह सदस्यों को बाद में रिहा कर दिया गया और हज में शामिल होने का अवसर दिए बिना ईरान भेज दिया गया।
सरकारी टीवी और ईरान के विदेश मंत्रालय द्वारा उनकी रिहाई के प्रयासों के बाद यह निष्कासन हुआ। ईरान के सरकारी प्रसारक ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग’ के प्रमुख पेमन जेबेली ने कहा, ‘‘जब यह घटना हुई, तब वे (कर्मी) अपना सामान्य और नियमित कार्य कर रहे थे और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। हमें नहीं पता कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया और देश वापस क्यों भेजा गया।’’ दुनिया के सबसे बड़े शिया मुस्लिम देश ईरान और सुन्नी आबादी वाले देश सऊदी अरब ने 2016 में सऊदी अरब द्वारा शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी दिए जाने के बाद राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे। फांसी के विरोध में ईरान में प्रदर्शनकारियों ने अपने देश में सऊदी के दो राजनयिक मिशन पर धावा बोल दिया था।