कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज साथी परियोजना अंतर्गत तालपुरी में प्रस्तावित क्षेत्रीय उत्पादों की मंडी का निरीक्षण किया। साथी परियोजना आत्म निर्भर भारत, मेक इन इंडिया एवं लखपति दीदी जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा देने एवं किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से बनाई गई परियोजना है। इस परियोजना के अंतर्गत जिले में साथी बाजार स्थापित किया जाएगा, जिससे कृषकों के स्वसहायता समूहों व एफ.पी.ओ. को अपने उत्पादो का भण्डारण करने के लिये 5000 मि.टन का कोल्डस्टोरेज उपलब्ध कराया जायेगा एवं उत्पादों को सीधे उपभोक्ता को विक्रय करने हेतु अपना मंडी मिलेगा। स्वसहायता समूहों व एफ.पी.ओ. को उत्पादों का प्रसंस्करण कराने के लिये प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किया जायेगा। साथ ही उन्हें उच्च गुणवत्ता एवं उचित मूल्य पर आदान सामग्री उपलब्ध कराने के लिये एग्रीमॉल स्थापित किया जावेगा। नवीन तकनीक की जानकारी एवं सलाह, किराये पर उपकरण तथा परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये कृषक सहायता केन्द्र स्थापित किया जावेगा जिसका संचालन विश्वविद्यालय के स्नातको द्वारा किया जायेगा।कृषकों के स्वसहायता समूहों, एफ.पी.ओ. व स्वदेशी कंपनियो को अपने उत्पाद विक्रय करने के लिये सुपर बाजार उपलब्ध कराया जायेगा, जहां स्पेशल प्रमोशन जोन के माध्यम से विक्रय काउंटर बूट मॉडल पर उपलब्ध कराये जायेंगे। राज्य की शासकीय इकाईंयो जैसे दुग्ध महासंघ, लघुवनोपज संघ, हस्तशिल्प विकास निगम इत्यादि को अपने उत्पाद विक्रय करने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य की ऑनलाईन आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने के लिए केन्द्र स्थापित किया जाएगा।
जिले में साथी बाजार का संचालन 10 हजार महिलाआंे के एफ.पी.ओ. के माध्यम से किया जायेगा, जिस हेतु प्रत्येक ग्राम से 20 महिलाओं का चयन किया जायेगा। प्रत्येक ग्राम से चयनित महिला सखियों के द्वारा साथी बाजार मे स्थापित स्वदेशी कंपनियो के उत्पादों की मार्केटिंग अपने ग्राम में की जायेगी, जिसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। सखियों के द्वारा किए गए विक्रय के लिये उन्हें पृथक से कमीशन कंपनियो के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। साथी बाजार में कमीशन की राशि कम होने के कारण प्रदायकर्ता अपने उत्पाद को बाजार की तुलना में कम दर पर साथी बाजार में विक्रय करेंगे, जिससे क्रेता और विक्रेता दोनों को फायदा होगा।
इस परियोजना से फसलों को भण्डारण की अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी जिससे कटाई पश्चात होने वाले नुकसान को कम किया जाकर कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकेगी। उत्पादन से वितरण तक कृषकों की सहभागिता के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकेगी। साथी बाजार आपस में जुड़े होंगे व एफ.पी.ओ. व स्व सहायता समूह देश के किसी भी बाजार में अपना उत्पाद रख कर बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे जिससे ग्रामीण स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन का कार्य किया जा सकेगा। ग्रामीण स्तर तक गुणवत्तायुक्त उत्पाद उपलब्ध कराकर मानव स्वास्थ्य एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदाय की जा सकेगी।