दुर्ग (छत्तीसगढ़)। संपत्ति के लालच में अपनी बड़ी मां और बड़े पिताजी की हत्या करने के आरोपी के खिलाफ अदालत ने आज फैसला सुनाया है। अभियुक्त को अदालत ने इस दोहरे हत्याकांड के लिए जिंदगी भर जेल में रखे जाने का फैसला दिया है। अभियुक्त ने अपने बड़े पिताजी की हत्या गला घोंटकर और बड़ी मां की हत्या चाकू घोंपकर कर दी थी। जिसके बाद दोनों के शवों को अलग-अलग स्थानों पर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस ने हत्या का षडयंत्र रचने और साक्ष्य छुपाने के आरोप में दो अन्य के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था। इन दोनों को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया गया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी की अदालत ने दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अरशद खान ने पैरवी की थी।
नंदनी नगर थाना पुलिस ने अहिरवारा-बेरला मार्ग पर ग्राम सेमरिया के पास से व्यक्ति का शव 2 जून 2019 को बरामद किया था। पतासाजी में शव की शिनाख्त रायपुर के टिकरापारा निवासी विष्णु प्रसाद साहू के रूप में हुई थी। पडताल करने पर जानकारी सामने आई कि 29 मई 2019 को रिश्ते में मृतक का भतीजा मगरलोड (धमतरी) निवासी गोकुल उर्फ गणेश साहू (34 वर्ष) विष्णु और उनकी की पत्नी नीराबाई को साथ लेकर ग्राम कारा गया था। दूसरे दिन गोकुल तो वापस आ गया, लेकिन साहू दंपत्ति लापता थे। पूछताछ में गोकुल ने बताया कि 29 मई 2019 की देर रात उसने विष्णु की नायलोन की रस्सी से गला घोंटकर और नीराबाई की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद शवों के अलग-अलग बोरी में भर दिया था। विष्णु के शव को ग्राम सेमरिया के पास गिरहोला पुल के नीचे और नीराबाई के शव को ग्राम नेवनार की लोर नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर नीराबाई का शव भी बरामद कर लिया। पूछताछ में अभियुक ने यह भी बताया कि शवों को छुपाने में ग्राम सुरगी (राजनांदगांव) निवासी मोतीलाल साहू (28 वर्ष) तथा उरला (रायपुर) निवासी गुरुनारायण साहू (59 वर्ष) ने सहयोग दिया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को 4 जून 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विचारण पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त गोकुल उर्फ गणेश कुमार साहू (34 वर्ष) को दोहरे हत्याकांड का दोषी करार देते हुए दो बार पूरी जिंदगी भर के कारावास तथा साक्ष्य छुपाने के आरोप में दफा 201 के तहत 3 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। अभियुक्त को दोनों दफाओं के तहत कुल 2 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। मामले गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।