फेडरेशन ने किया 22 से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, कहा कर्मचारियों के साथ हुआ छल, शिखंडियों से रहे सावधान

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोयक कमल वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रांताध्यक्ष आर के रिछारिया, बी पी शर्मा, राजेश चटर्जी, अजय तिवारी,चंद्रशेखर तिवारी, संजय सिंह एवं रोहित तिवारी ने संयुक्त बयान जारी कर 22 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चित कालीन हड़ताल को यथावत रखने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बढ़ाया गया मंहगाई भत्ता कर्मचारियों के साथ छल है। जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि सचिव स्तर पर चर्चा के दौरान फेडरेशन के माध्यम से हड़ताली कर्मचारियों द्वारा की जा रही मांग पर सहमति बन गई थी, मुख्यमंत्री से अंतिम चर्चा होनी थी, लेकिन साजिश पूर्व तरीके से फेडरेशन को इस चर्चा से अलग रखा गया।

फेडरेशन नेताओं ने बताया कि फेडरेशन के बेनर तले कर्मचारी केंद्र के समान देय तिथि से 34% डीए तथा सातवे वेतन में एचआरए के लिए आंदोलन कर रहे हैं। 30 मई 2022 को फेडरेशन द्वारा मुख्य सचिव को जिला कलेक्टर एवं तहसीलदार के माध्यम से चार चरणों में आंदोलन करने का नोटिस दिया गया था। शासन को दिये गये नोटिस के अनुसार ही 29 जून को पूरे प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे। शासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं होने पर 25 से 29 जुलाई तक 5 दिनों का निश्चित कालीन आंदोलन किया गया था।

शासन द्वारा सकारात्मक पहल नही किये जाने से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की विधिवत सूचना मुख्य सचिव को दिया था। हड़ताल की सूचना के पश्चात् सामान्य प्रशासन द्वारा चर्चा हेतु दो बार आमंत्रित किया गया था। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधी मंडल ने कर्मचारियों का पक्ष सचिव स्तर के अधिकारियों के समक्ष सुझाव सहित रखा था। जिसपर सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अंतिम चर्चा कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन साजिशपूर्ण तरीके से कर्मचारियों के हड़ताल को तोड़ने के नियत से चक्रव्यूह बनाकर 6% डीए कर्मचारियों को देने का प्लान बनाया गया। जिसमें शिखंडी के आड़ में कर्मचारियों के मुद्दों का वध किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2019 के लंबित मंहगाई भत्ते की 5% किश्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था। जिसमें देय तिथी 1 जुलाई 19 से लेकर 30 जून 21 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया गया। सरकार ने फेडरेशन के आंदोलन के बाद डीए में 5% की वृद्धि कर 22% 1 मई 22 से किया था। जिसके कारण कर्मचारियों को 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक 17% डीए पर वेतन बना था। लेकिन सरकार ने वेतन में अंतर की राशि का भुगतान पुनः नहीं किया । गौरतलब है कि सरकार ने डीए में 6% की वृद्धि 1 अगस्त 22 से कर 28% किया है। जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 1 जुलाई 21 है। सरकार ने अपनी नीति को पुनः दोहराते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।

उन्होंने बताया कि केन्द्र के समान 34% मंहगाई भत्ता एवं सातवे वेतन में गृहभाड़ा भत्ता की घोषणा नही किये जाने के कारण फेडरेशन की आपात बैठक में शासन को पूर्व सूचना अनुसार 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया और शासन से मंहगाई भत्ते की घोषणा पर फेडरेशन की मांग अनुरूप पुर्नविचार करने की अपील की गई। लेकिन शासन द्वारा फेडरेशन की अपील पर कोई कार्यवाही न करते हुए 16 अगस्त को 6 प्रतिशत मंहगाई भत्ता 01अगस्त 2022 से दिये जाने के आदेश जारी किया गया है। जोकि कर्मचारियों के अपेक्षा अनुसार नहीं है। साथ ही सातवे वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता का आदेश जारी नहीं होने के कारण कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा पूर्व सूचना अनुसार 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन आंदोलन को यथावत रखने का निर्णय लिया है।