राम वनगमन पथ : आस्था स्थल शिवरीनारायण का नवरात्र पर्व पर अप्रैल में होगा लोकार्पण

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ के तहत विकसित किए जा रहे स्थलों के दूसरे आस्था स्थल शिवरीनारायण अप्रैल में नवरात्रि के दौरान लोगों को समर्पित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 अप्रैल को इसका लोकार्पण करने वाले हैं। छत्तीसगढ़ में चंद्रखुरी के बाद ये दूसरा स्थल होगा, जिसे पर्यटन विभाग सौंदर्यीकरण के बाद लोगों के लिए खोलने जा रहा है।
जांजगीर-चांपा जिले की यह धरोहर स्थल शबरी माता की जन्मस्थली है। यहां 12वीं सदी के प्राचीन मंदिर भी हैं। रायपुर, दुर्ग और जांजगीर-चांपा में 200 से ज्यादा कलाकार और कारीगर राम वनगमन पथ के इस साइट के काम को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

राजधानी रायपुर से करीब 130 किमी और बिलासपुर से करीब 64 किमी दूर है ये स्थान। याज्ञवल्क्य संहिता के अनुसार शिवरीनारायण की गणना तीर्थराज प्रयाग के रूप में होती है। भारत के उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में जगन्नाथ धाम, पश्चिम में द्वारकापुरी और मध्य में छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण को पांचवा धाम माना जाता है। भगवान राम वनवास के दौरान मांड नदी मार्ग से चंद्रपुर और फिर महानदी मार्ग से शिवरीनारायण पहुंचे थे। शिवरीनारायण के नजदीक ही उन दिनों मतंग ऋषि का आश्रम था। श्रीराम ने इस आश्रम में कुछ समय बिताया था।
शिवरीनाराणयण मठ के महंत और राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास के अनुसार शिवरीनारायण शबरी माता का जन्म स्थान है। उनके पिता जब उनकी शादी करने वाले थे, उस दौरान शबरी कर्नाटक चली गई थी। वहीं उन्होंने भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे।
छत्तीसगढ़ में प्रचलित लोक मान्यता अनुसार माता शबरी ने भक्तिस्वरूप भगवान राम को शिवरीनारायण में जूठे बेर खिलाए थे। यहां आज भी बेर का प्रसाद चढाया जाता है। शिवरीनारायण के मुख्य मंदिर परिसर में स्थित दोने के आकार की पत्तियों वाला दुर्लभ कृष्णा वटवृक्ष है। संयोगवश चित्रकूट, उत्तर प्रदेश में भी यह है।
पहले चरण में करीब 5.76 करोड़ में मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण, रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर समेत कई काम हो रहे हैं। 8 से 10 अप्रैल के बीच रामायण स्पर्धा होगी। यहां 3 प्रवेश द्वार, भगवान राम की पत्थर की बड़ी प्रतिमा, लाइट एंड साउंड शो जैसे कार्यों का भूमिपूजन होगा।
शिवरीनारायण में राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट के तहत तीन जगहों पर काम किया जा रहा है। मेला ग्राउंड के पास महानदी के घाट को धौलपुर के पत्थरों से नया रूप दिया जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मंदिरनुमा आधा दर्जन कियोस्क भी बनाए जा रहे हैं, जिनसे सैलानी नदी का व्यू देख सकेंगे।
मेला ग्राउंड के पास नया पार्किंग स्थल भी बन रहा है। इसके साथ ही रामायण इंटरप्रिटेशन हॉल, कैफेटेरिया, पर्यटन सूचना केंद्र, मॉड्यूलर शॉप और टॉयलेट के काम हो रहे हैं। वहीं शिवरीनारायण के मुख्य मंदिर पर प्रवेश द्वार को नया स्वरूप देने में कारीगर जुटे हुए हैं। यहां श्रीयंत्र और हजार स्क्वेयर फीट के क्षेत्र में वॉल पेंटिग की जा रही है।

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