दुर्ग (छत्तीसगढ़)। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ 2020 के लिए किसानों का पंजीयन प्रारंभ हो गया है।
जिन कृषकों के द्वारा सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी एवं रागी फसल बोया गया था, उनके बोये गये रकबे का पंजीयन संबंधित सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। सहकारी समितियों को कृषकों का पंजीयन 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से करना होगा।
योजना में प्रावधानित फसलों के रकबे का पंजीयन हेतु पंजीयन फार्म में अपना पूर्ण विवरण भरकर अपने संबंधित सेवा सहकारी समिति में सत्यापन एवं पंजीयन हेतु जमा करेें। क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों के आवेदन पत्र का सत्यापन भूईयाँ पार्टल में प्रदर्शित संबंधित मौसम के गिरदावरी के आकड़ों के आधार पर किया जायेगा। सत्यापन उपरांत कृषक को संबंधित सहकारी समिति में पंजीयन कराना होगा। समय-सीमा में पंजीयन कराने वाले कृषको को फसल हेतु आदान सहायता राशि देने का प्रावधान शासन द्वारा तय किया गया है। इन फसलों हेतु आदान सहायता राशि की गणना संबंधित फसलों के गिरदावरी के अनुसार भूईया पोर्टल में संधारित रकबा के आधार पर आनुपातिक रूप से की जाएगी। इस प्रक्रिया के अनुसार प्राप्त कृषकों के डेटाबेस के आधार पर नोडल बैंक द्वारा आदान सहायता राशि सीधे कृषकों के खातों में अंतरित की जाएगी। अपंजीकृत कृषकों को योजनान्तर्गत आदान सहायता अनुदान की पात्रता नहीं होगी। योजनान्तर्गत शामिल फसलों के अतिरिक्त अन्य फसल जैसे यथा धान, मक्का एवं गन्ना पर आदान सहायता राशि देय नहीं होगा। किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से पंजीयन आवेदन प्राप्त कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग के टोल फ्री नंबर 0788-2323755 के माध्यम से संपर्क कर सकते है।