कुपोषण से जंग, महिला एवं बाल विकास विभाग करेगा हर कुपोषित बच्चे के नाम पर पौधा रोपित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कुपोषण दूर करने मुनगा का ट्रैक रिकार्ड अच्छा रहा है। जिले में कुपोषित बच्चों के लिए मुनगा के पौधे रोपे जाएं तो बेहतर भविष्य  होगा। इस सोच के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले में  हर कुपोषित बच्चे के पीछे एक पौधा तैयार किया। चूंकि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या बारह हजार से अधिक है इसलिए इतने ही पौधे तैयार किए गए। अब छह जुलाई के दिन इनका रोपण होगा। मुनगा के पौधे कुपोषित बच्चों के घरों में भी रोपे जाएंगे। घर-घर पौधा रोपे जाने से मुनगा के पौधों की संख्या में विस्तार होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी मुनगा के पौधों के रोपण के संबंध में सभी जिलों में निर्देश दिये हैं। चूंकि दो महीनों से ही जिले में इनके पौधे रोपे जा रहे थे अतः अब तक काफी अच्छी ग्रोथ इनकी आ चुकी है। मुनगा के पौधों के रोपण होने से लंबे समय तक स्थायी रूप से लोगों को पोषाहार का विकल्प मिलता रहेगा। आयरन कंटेट काफी होने से यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफी उपयोगी होगा।जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में जमीन की दिक्कत होगी, वहां पर पौधे कुपोषित बच्चों के घरों में लगाए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि जिले में लगभग बारह हजार कुपोषित बच्चे हैं। मुनगा कुपोषण को दूर करने में बड़ा कारगर होता है। इसकी तैयारी के लिए हमने दो महीने से मुनगा के पौधे तैयार किये हैं। विभाग ने इन पौधों को स्वयं तैयार किया है। योजना यह है कि जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र में जगह होगी वहां पर इन्हें रोपित किया जाएगा। जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र में जगह नहीं होगी वहां पर कुपोषित बच्चे के घर में इसे रोपा जाएगा। श्री जैन ने बताया कि इसके लिए हर आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों का चिन्हांकन किया गया था। उन्होंने कहा कि सभी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि छह जुलाई को मुनगा के पौधों का आंगनबाड़ी केंद्रों में सामूहिक रोपण किया जाए। उन्होंने कहा कि गृह भेंट के दौरान कुपोषित बच्चों की माताओं को विशेष तौर पर इस संबंध में मुनगा के पौधों के रोपण के लिए राजी किया गया है। उन्हें बताया गया है कि किस प्रकार मुनगा का पौधा तेजी से पोषण स्तर बढ़ाता है।
जिला प्रशासन द्वारा भी मुनगा के पोषण के गुणों को देखते हुए विशेष रूप से मुनगा के पौधों का रोपण कराया जा रहा है। इसके लिए पाटन में उद्यानिकी विभाग द्वारा भूमि का चिन्हांकन कर दस हजार मुनगा के पौधे लगाये जाने पर काम किया जा रहा है। बीते दिनों कृषि उत्पादन आयुक्त डाक्टर एम. गीता ने भी मुनगा के लाभों के संबंध में चर्चा की थी। उन्होंने बताया था कि किस प्रकार मुनगा के विभिन्न कंपोनेंट का बड़ा बाजार देश में है। इसकी संभावनाओं का लाभ यहां भी उठाया जा सकता है।

You cannot copy content of this page