नवीन सत्र का उल्लास: दुर्ग के शासकीय विद्यालयों में हर्षोल्लास से हुआ शैक्षणिक वर्ष 2025-26 का शुभारंभ

दुर्ग, 16 जून 2025/
शैक्षणिक सत्र 2025-26 का नई उमंग, ऊर्जा और प्रेरणा के साथ पूरे जिले में शुभारंभ हुआ। स्कूलों के प्रांगण एक बार फिर बच्चों की किलकारियों, चहचहाहट और सीखने की ललक से जीवंत हो उठे हैं। शिक्षकगण समर्पण भाव से विद्यार्थियों का स्वागत कर उन्हें नए ज्ञान पथ पर अग्रसर करने हेतु तत्पर हैं।

बोरसी शाला में हुआ आत्मीय स्वागत

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, बोरसी में सोमवार को आयोजित सत्रारंभ कार्यक्रम में विद्यार्थियों का तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर तथा गणवेश वितरित कर आत्मीय स्वागत किया गया। विद्यालय परिवार ने विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और शिक्षा के प्रति संकल्पबद्ध होने का संदेश दिया।

इस अवसर पर वार्ड क्रमांक 52 के पार्षद श्री गुलशन साहू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने प्रेरणादायी संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों से नियमित अध्ययन, लक्ष्य निर्धारण और मेहनत की अपील की। साथ ही, विद्यालय की अधोसंरचनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहयोग देने का भी भरोसा दिलाया।

प्रधानपाठक श्रीमती शांता शिवारे, जो कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही थीं, ने छात्रों को आत्मअनुशासन, स्वच्छता, और समय की पाबंदी के साथ पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि शाला में कुल 279 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या है, जिनमें से प्रथम दिन 159 विद्यार्थी उपस्थित रहे, जो कि एक उत्साहजनक उपस्थिति मानी जा रही है।

पोटियाकला शाला में गरिमामय कार्यक्रम

इसी क्रम में, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोटियाकला में भी सत्रारंभ गरिमामय और उल्लासपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से की गई। नवप्रवेशी एवं अन्य विद्यार्थियों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और शाला गणवेश वितरित कर उनका स्वागत किया गया।

इस अवसर पर वार्ड पार्षद श्रीमती हिरौंदी चंदानिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राकेश साहू, समग्र शिक्षा विभाग की प्रतिनिधि श्रीमती रश्मिनाथ, पार्षद पति प्रेम चंदानिया, प्रधानपाठिका श्रीमती सुलेखा सर्पे, समस्त शिक्षिकाएं एवं पालकगण भी शामिल हुए।

शिक्षा के प्रति समर्पण और सामुदायिक भागीदारी

इन दोनों विद्यालयों में आयोजित सत्रारंभ कार्यक्रमों ने यह दर्शा दिया कि शिक्षा एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें शिक्षक, अभिभावक, प्रशासन और समाज की समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका है। नवसत्र की शुरुआत को उत्सव के रूप में मनाकर न सिर्फ बच्चों का मनोबल बढ़ाया गया, बल्कि शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल भी निर्मित हुआ।

यह पहल निश्चित ही विद्यार्थियों में नई प्रेरणा और जोश भरने का कार्य करेगी तथा उन्हें अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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