रायपुर, 14 जून 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 6.15 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की हैं। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हारीश लखमा और सुकमा स्थित कांग्रेस भवन की संपत्तियां शामिल हैं।

ईडी के मुताबिक, कवासी लखमा और उनके बेटे से जुड़ी 5.5 करोड़ रुपये की संपत्तियां तथा कांग्रेस भवन सुकमा से जुड़ी 65 लाख रुपये की संपत्तियां अटैच की गई हैं। यह कार्रवाई कथित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के सिलसिले में की गई है, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही है।
लखमा और उनके बेटे वर्तमान में इस मामले में जेल में बंद हैं। यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ बताया जा रहा है, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी और लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे।
इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा, “ईडी पीएम मोदी सरकार के दबाव में काम कर रही है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक साजिश है। कांग्रेस अपने हर खर्च का लेखा-जोखा देने को तैयार है।”
उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस भवन हमारे कार्यकर्ताओं के सहयोग से बने हैं, कुछ तो आज़ादी से पहले के हैं। क्या ईडी में इतनी हिम्मत है कि वह बीजेपी के 150 करोड़ के कार्यालय की जांच करे?”
वहीं बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने ईडी की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह कांग्रेस सरकार के दौरान हुए गंभीर भ्रष्टाचार को उजागर करता है। उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय को भ्रष्टाचार के आधार पर अटैच किया गया है।”
बताया जा रहा है कि शराब घोटाले में अवैध कमीशन, कार्टेल व्यवस्था, और शराब बिक्री एवं वितरण में गड़बड़ियों का आरोप है। इस घोटाले के दौरान काले धन को शेल कंपनियों और बिचौलियों के माध्यम से ठिकाने लगाया गया।
ईडी ने कवासी लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को उनके परिसरों पर छापेमारी की गई थी और 3 व 9 जनवरी को उनसे पूछताछ की गई थी।
