छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर से ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र डिजिटल क्रांति के वाहक बनेंगे और लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक सीधे पहुंच मिलेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 11,693 ग्राम पंचायतों में ‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान की भी शुरुआत की। उन्होंने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिकों से शपथ दिलवाई कि वे जल बचाने के लिए सजग रहेंगे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब बुजुर्ग पेंशनधारी, महिला लाभार्थी, और किसान जैसे हितग्राही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की राशि अपने गांव में ही निकाल सकेंगे। बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी। साथ ही जाति, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, पेंशन योजनाएं, राशन कार्ड जैसी सरकारी सेवाएं भी अब गांवों में ही मिलेंगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत शुरू हुई यह योजना ग्राम पंचायत स्तर पर नगद भुगतान की सुविधा सुनिश्चित करेगी। पीएम मोदी ने आज प्रदेश के 51,000 परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत ₹300 करोड़ से अधिक की राशि भी जारी की है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी इस अवसर पर जनता को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से अब भूमि दस्तावेज, डिजिटल भुगतान और ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं ग्राम पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। पहले चरण में प्रत्येक जनपद की 10 ग्राम पंचायतों में केंद्र खोले जाएंगे और अगले छह महीनों में 8,000 से अधिक पंचायतों में इनकी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सूरजपुर, धमतरी, बस्तर, कबीरधाम, रायगढ़ और जशपुर के हितग्राहियों से संवाद भी किया और योजना की उपयोगिता को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आह्वान किया कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
