छत्तीसगढ़ के बीजापुर से लेकर तेलंगाना के मुलुगु जिले की कर्रगुट्टा पहाड़ियों तक चल रहे अब तक के सबसे बड़े सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में तीन महिला नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। यह ऑपरेशन मोस्ट वांटेड माओवादी हिडमा को पकड़ने के लिए शुरू किया गया है, जिसकी निगरानी सीआरपीएफ के डीजी जी पी सिंह खुद रायपुर और जगदलपुर से कर रहे हैं।
इस कार्रवाई की शुरुआत सोमवार को की गई थी और अब तक 60 घंटे से भी ज्यादा समय हो चुका है। इस ऑपरेशन में करीब 5,000 जवान तैनात हैं, जिनमें सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट की 210वीं बटालियन, छत्तीसगढ़ पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), नियमित सीआरपीएफ इकाइयां और तेलंगाना पुलिस की टीमें शामिल हैं।

गुरुवार सुबह करीब 9:30 बजे तीन महिला नक्सलियों के शव और उनके पास से तीन हथियार बरामद किए गए। सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच गुरुवार पूर्वाह्न तक मुठभेड़ जारी रही और आगे भी चलने की संभावना जताई जा रही है।
हिडमा, जो पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का कमांडर है, को कर्रगुट्टा की पहाड़ियों में एक बंकर के पास देखा गया था। इसी इनपुट पर आधारित यह ऑपरेशन शुरू किया गया। पहाड़ी क्षेत्र में कई जगहों पर आईईडी बिछाए गए हैं, जिससे सुरक्षाबलों को बेहद सतर्कता से कार्रवाई करनी पड़ रही है।
इस ऑपरेशन में चार हेलिकॉप्टर, 40 ड्रोन (20 बड़े और 20 छोटे), सैटेलाइट इमेज और एनटीआरओ द्वारा उपलब्ध कराए गए नक्शे शामिल किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है जो केंद्र सरकार की मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (LWE) खत्म करने की घोषणा का हिस्सा है।
