छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर ज़िले में सोमवार को एक बड़ी घटना टल गई, जब सुरक्षा बलों ने समय रहते पांच इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किए। ये विस्फोटक मांकेली गांव के पास कच्चे रास्ते में जमीन के भीतर दबाकर रखे गए थे। पुलिस का कहना है कि इन्हें सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों द्वारा प्लांट किया गया था।
छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (CAF) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में डोमिनेशन और डिमाइनिंग ऑपरेशन चला रही थी, तभी ये IED बरामद हुए। पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि इनमें से तीन IED, जिनका वजन 2-2 किलो था, बीयर की बोतलों में भरे गए थे, जबकि दो अन्य विस्फोटक (3 से 5 किलो वजनी) स्टील के टिफिन बॉक्स में छिपाए गए थे।

कमांड स्विच मैकेनिज्म के ज़रिए ये सभी IED एक-दूसरे से 3 से 5 मीटर की दूरी पर सीरिज में लगाए गए थे, ताकि बड़े पैमाने पर नुकसान किया जा सके। समय रहते बरामदगी से एक बड़ी त्रासदी टल गई।
पुलिस ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के बीहड़ और जंगलों में नक्सली अक्सर इस तरह की रणनीति अपनाते हैं। उन्होंने इन IED को सड़कों और पगडंडियों के किनारे लगाकर गश्त पर निकले सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश की।
9 अप्रैल को भी धमाका
इससे पहले 9 अप्रैल को बीजापुर के कोडेपाल नाले के पास CRPF की 196वीं बटालियन के गश्ती दल पर नक्सलियों ने IED से हमला किया था। इस दौरान CRPF के बम डिफ्यूजल स्क्वाड (BDS) का एक जवान दबाव-संवेदनशील IED की चपेट में आ गया, जिससे उसके पैर घायल हो गए। जवान को तुरंत बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जनवरी में हो चुकी है बड़ी घटना
गौरतलब है कि 6 जनवरी 2024 को नक्सलियों ने बीजापुर जिले में एक वाहन को IED से उड़ा दिया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक चालक की मौत हो गई थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये घटनाएं साफ़ दर्शाती हैं कि नक्सली अब भी सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की साज़िशें रच रहे हैं, लेकिन सतर्कता और मुस्तैदी से कई बार उनके मंसूबे नाकाम कर दिए जाते हैं।
