रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान प्रदेश की खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने 2024-25 में कोयला उत्पादन में एक बिलियन टन का लक्ष्य प्राप्त होने पर खुशी जताई और छत्तीसगढ़ के योगदान की सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता को सौंपे।

साथ ही, दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश भी प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह बैठक छत्तीसगढ़ को खनन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी। उन्होंने केंद्र सरकार के साथ और अधिक समन्वय व सहयोग की बात कही।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने छत्तीसगढ़ को खनिज संसाधनों में अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य बताया। उन्होंने कहा कि कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और चूना पत्थर जैसे खनिजों के साथ-साथ हीरा उत्पादन में देश में अग्रणी होने का गौरव छत्तीसगढ़ को प्राप्त है।
उन्होंने गैवरा खदान का विशेष रूप से उल्लेख किया, जहां जापानी मियावाकी तकनीक से वृक्षारोपण किया गया है। उन्होंने इस पहल को अन्य क्षेत्रों में भी अपनाने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने लगभग 14,195 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित किया है, जो प्रदेश की कुल आय का 23% और जीएसडीपी का 11% है। उन्होंने बताया कि राज्य ने अब तक 48 मुख्य खनिज ब्लॉक्स का सफल ई-नीलामी के जरिए आवंटन किया है। साथ ही, 2024-25 की 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 32 सामरिक, क्रिटिकल और डीप सीटेड खनिजों के लिए हैं।
यह बैठक छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।
