रायपुर, 11 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में जनजाति सलाहकार परिषद की पुनर्गठन के बाद पहली बैठक विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में आयोजित की गई। इस बैठक में जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक उन्नयन, प्रशासनिक सुधार और संस्कृति संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
जनजातीय विकास की प्राथमिकता पर जोर
मुख्यमंत्री ने परिषद के सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 32% आबादी जनजातीय समुदाय से आती है, इसलिए उनका समग्र विकास राज्य की प्राथमिकता है। उन्होंने जनजातीय समाज के जाति प्रमाण पत्र संबंधी त्रुटियों को दूर करने, देवगुड़ी और सरना स्थलों के संरक्षण, आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक स्कूलों की समस्या के समाधान, तथा आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया।

जनजातीय समाज के लिए ठोस योजनाएँ
कैबिनेट मंत्री एवं जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री रामविचार नेताम ने कहा कि यह परिषद सरकार और जनजातीय समाज के बीच मजबूत सेतु का कार्य करेगी। उन्होंने नीति निर्माण में परिषद के निर्णयों को शामिल करने का आश्वासन दिया।
बैठक में प्रस्तुत किए गए सुझावों में शामिल हैं:
✔️ जनजातीय छात्रावासों की संख्या एवं सुविधाओं में वृद्धि
✔️ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना
✔️ स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता और विस्तार
✔️ पारंपरिक आजीविका को सशक्त करने के लिए विशेष योजनाएँ
✔️ जनजातीय कला, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए कार्यक्रम
प्रस्तावों पर होगा त्वरित क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि परिषद द्वारा प्रस्तुत सभी प्रस्तावों पर प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, जिससे जनजातीय समुदाय को योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों की भागीदारी
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक सुश्री लता उसेण्डी, श्रीमती शंकुतला सिंह पोर्ते, श्रीमती उद्देश्वरी पैंकरा, श्रीमती रायमुनी भगत, श्रीमती गोमती साय, विधायक श्री रामकुमार टोप्पो सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।
यह बैठक जनजातीय समाज के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
