दुर्ग (छत्तीसगढ़) – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की। इन जगहों में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के निवास भी शामिल हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी उन ठिकानों पर की गई जो भूपेश बघेल और उनके करीबी सहयोगियों से जुड़े हैं। ईडी ने बताया कि इस दौरान लक्ष्मीनारायण बंसल के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।

सूत्रों के अनुसार, चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से जुड़े अपराध की अवैध कमाई प्राप्त करने का आरोप है। यह घोटाला 2019 से 2023 के बीच हुआ था, जिसमें कुल ₹2,161 करोड़ की हेराफेरी की गई थी।
बघेल का बयान – ‘कांग्रेस को रोकने की साजिश’
जैसे ही ईडी की कार्रवाई शुरू हुई, भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “जब सात साल से चल रहा झूठा मामला अदालत में खारिज हो गया, तब आज ईडी हमारे भिलाई स्थित घर पहुंच गई। अगर कोई इस साजिश के जरिए पंजाब में कांग्रेस को रोकने की कोशिश कर रहा है, तो यह उसकी गलतफहमी है।”

गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस साल भूपेश बघेल को पंजाब का महासचिव नियुक्त किया है। इसके बाद उन्होंने पंजाब का दौरा भी किया और पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर चुनावी तैयारियों पर चर्चा की।
ईडी की जांच और गिरफ्तारियां
ईडी ने इस घोटाले की जांच के तहत जनवरी 2023 में एक प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। इस मामले में रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल तुतेजा, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने सरकारी शराब दुकानों को अवैध रूप से शराब की आपूर्ति कर भारी कमीशन वसूला, जिससे राज्य सरकार को ₹2,161 करोड़ का नुकसान हुआ।
इस साल जनवरी में, ईडी ने घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने अदालत में बताया कि लखमा ने इस घोटाले से ₹72 करोड़ की अवैध कमाई की थी और इसका कुछ हिस्सा कांग्रेस कार्यालय तथा अपने बेटे के लिए घर बनाने में खर्च किया।
क्या है आगे की रणनीति?
ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब भूपेश बघेल कांग्रेस के पंजाब चुनावों की तैयारियों में जुटे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे और किन लोगों पर कार्रवाई होती है।
