छत्तीसगढ़ विधानसभा में भू-अभिलेख और जल जीवन मिशन पर हंगामा, BJP ने उठाए गंभीर सवाल

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लंबित राजस्व मामलों और जल जीवन मिशन पर तीखी बहस हुई। विपक्षी विधायकों ने सरकार से जवाब मांगा और योजनाओं की खामियों को उजागर किया।

1. 1.5 लाख लंबित राजस्व मामले और ‘भुइयां पोर्टल’ की अव्यवस्थाएं

विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान BJP विधायक अजय चंद्राकर ने राज्य में लगभग 1.5 लाख लंबित राजस्व मामलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने ‘भुइयां पोर्टल’ की अव्यवस्थाओं की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि 35% डेटा गलत है। किसानों को इससे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शिकायतों का समाधान 3-4 महीने तक नहीं होता, जबकि यह 7 दिन में होना चाहिए।

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि 1,49,479 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि पहले एसडीएम को ही सुधार करने का अधिकार था, जिसे अब तहसीलदारों तक बढ़ाया जाएगा।

स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने मंत्री को निर्देश दिया कि राजस्व मामलों का जल्द निपटारा किया जाए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि बजट सत्र के बाद ‘राजस्व पखवाड़ा’ का आयोजन कर सभी लंबित मामलों को निपटाया जाएगा।

2. जल जीवन मिशन: टंकी बनी, जल स्रोत नहीं!

BJP विधायक गोमती साय और अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। चंद्राकर ने सवाल किया कि राज्य में कई गांवों में टंकियां बना दी गईं, लेकिन जल स्रोत नहीं हैं।

जल संसाधन मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया कि 2019 में शुरू हुई योजना 2021 में लागू हुई, लेकिन ट्यूबवेल खनन 2023 में शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि 653 गांव जल स्रोत विहीन हैं और 3,254 गांवों में पानी की कमी है

चंद्राकर ने पूछा कि “जब जल स्रोत ही नहीं था, तो पाइपलाइन और टंकी बनाने की अनुमति कैसे मिली?” इस पर मंत्री ने कहा कि जहां भी खामियां हैं, वहां दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

स्पीकर रमन सिंह ने हस्तक्षेप कर कहा कि सरकार को टंकी और पाइपलाइन निर्माण से पहले जल स्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

सरकार ने दिए कार्रवाई के संकेत

विधानसभा में हुई बहस के बाद सरकार ने भुइयां पोर्टल की समस्याओं के समाधान और जल जीवन मिशन की खामियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। विपक्ष ने सरकार से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की।