छत्तीसगढ़ के स्कूल में विस्फोट: छात्रों ने टीचर को सबक सिखाने के लिए बनाई खतरनाक साजिश, 9 साल की बच्ची हुई शिकार

सोडियम से हुआ धमाका, बच्ची गंभीर रूप से घायल

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक निजी स्कूल में हुए विस्फोट की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। यह कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि कक्षा VIII और IX के पांच छात्रों की खतरनाक साजिश थी। इनमें तीन छात्राएं भी शामिल थीं।

पुलिस के अनुसार, छात्रों ने एक टीचर से नाराजगी के कारण यह धमाका करने की योजना बनाई। उन्होंने ऑनलाइन सोडियम मंगवाया और उसे स्कूल के वॉशरूम के सिस्टर्न में छुपा दिया। योजना के मुताबिक, पानी के संपर्क में आते ही धमाका होना था। लेकिन दुर्भाग्य से इसका शिकार एक नौ साल की मासूम बच्ची हो गई, जो अनजाने में वॉशरूम चली गई थी।

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

बिलासपुर एसपी राजनेश सिंह ने बताया कि शुरुआत में जांचकर्ताओं के लिए यह मामला बेहद चौंकाने वाला था, क्योंकि धमाके में कोई छर्रे या पारंपरिक विस्फोटक पदार्थ नहीं मिले थे। पुलिस को जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला, तो स्कूल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिससे यह साजिश सामने आई।

कैसे बनी धमाके की खतरनाक योजना?

जांच में सामने आया कि आरोपी छात्रों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा था, जिसमें सोडियम और पानी के संपर्क में आने पर होने वाली प्रतिक्रिया दिखाई गई थी। इसके बाद, एक छात्रा ने अपनी मौसी के अकाउंट से ऑनलाइन सोडियम मंगवाया और फिर उन्होंने इसे वॉशरूम के सिस्टर्न में डाल दिया। योजना थी कि जब टीचर वॉशरूम जाएंगी, तो फ्लश करने पर धमाका होगा।

9 साल की बच्ची गंभीर रूप से घायल

हालांकि, इस साजिश का शिकार एक नौ वर्षीय छात्रा हो गई, जो 21 फरवरी को वॉशरूम गई थी। जैसे ही उसने फ्लश दबाया, जोरदार धमाका हुआ। स्कूल स्टाफ ने बच्ची की चीखें सुनीं और दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला। वह गंभीर रूप से झुलस गई और तुरंत अस्पताल में भर्ती कराई गई।

आरोपी छात्र हिरासत में, एक फरार

पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लेकर सुधार गृह भेज दिया है। उन्हें काउंसलिंग दी जाएगी। पांचवीं छात्रा फिलहाल अपने रिश्तेदारों के घर पर है और उसे जल्द ही किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा

ऑनलाइन रसायनों की बिक्री पर उठे सवाल

बिलासपुर एसपी राजनेश सिंह ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे खतरनाक रसायन आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं होते, लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इन्हें खरीदना बेहद आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी की व्यवस्था में बड़े सुधार की जरूरत है, ताकि इस तरह के खतरनाक रसायन गलत हाथों में न जाएं।

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