मुंबई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP – अजीत पवार गुट) की महायुति सरकार में अंदरूनी मतभेद गहराते दिख रहे हैं। हाल ही में सरकार द्वारा कई विधायकों की ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा घटाने या हटाने का निर्णय लिया गया, जिससे शिवसेना (शिंदे गुट) खासा नाराज नजर आ रहा है।
शिवसेना विधायकों की सुरक्षा सबसे ज्यादा प्रभावित
सूत्रों के अनुसार, सभी तीन दलों के कुछ विधायकों की सुरक्षा घटाई गई है, लेकिन सबसे अधिक असर शिवसेना (शिंदे गुट) पर पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 शिवसेना विधायकों की सुरक्षा हटाई गई या घटाई गई, जबकि बीजेपी और एनसीपी के भी कुछ नेताओं को प्रभावित किया गया।
सुरक्षा हटाने पर शिवसेना में नाराजगी
जब 2022 में एकनाथ शिंदे ने बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन किया, तब उनके समर्थन में आए 44 विधायकों और 11 लोकसभा सांसदों को Y-श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। अब सुरक्षा समीक्षा के बाद, गैर-मंत्री विधायकों और नेताओं की सुरक्षा घटाने का फैसला लिया गया, जिससे शिवसेना के भीतर नाराजगी बढ़ गई है।
सीएम फडणवीस का जवाब: ‘राजनीति न करें’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि सुरक्षा समीक्षा समिति (Security Review Committee) समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा करती है और उसी के आधार पर फैसले लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, “इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है, इसलिए इसे लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।”
शिंदे की नाराजगी और महायुति में मतभेद?
एकनाथ शिंदे की नाराजगी इससे पहले भी कई बार सामने आई है। उन्हें मुख्यमंत्री पद न मिलने और रायगढ़ व नासिक के संरक्षक मंत्री (Guardian Minister) पद के लंबित फैसलों को लेकर असंतोष है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (State Disaster Management Authority) में उन्हें हाल ही में जगह दी गई, लेकिन यह गठबंधन में उनके असंतोष को कम करने में सफल नहीं हुआ।
नासिक और रायगढ़ जिलों के संरक्षक मंत्री पदों पर निर्णय टलने से भी शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं। इन जिलों की जिम्मेदारी अजित पवार गुट से एनसीपी नेता अदिति तटकरे और भाजपा के गिरीश महाजन को देने की बात थी, लेकिन सरकार ने यह फैसला आगे बढ़ा दिया। शिवसेना की ओर से श्रम मंत्री भरतसेठ गोगावले और स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे इन जिलों की जिम्मेदारी चाहते थे, खासकर क्योंकि नासिक 2027 में कुंभ मेले की मेजबानी करेगा।
फडणवीस की बैठक से शिंदे की दूरी
हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें शिंदे ने शामिल नहीं हुए। इसके बजाय उन्होंने कुछ दिन बाद खुद एक अलग बैठक आयोजित की, जिसे गठबंधन में आंतरिक दरार का संकेत माना जा रहा है।
‘महायुति में सब ठीक’ – भाजपा का दावा
हालांकि, महाराष्ट्र के आईटी मंत्री और भाजपा नेता आशीष शेलार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “महायुति में कोई मतभेद नहीं है, सबकुछ सही चल रहा है। फडणवीस, शिंदे और पवार मिलकर सरकार चला रहे हैं।”
शिवसेना (उद्धव गुट) का तंज
इस बीच, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गठबंधन में दरार पर तंज कसते हुए एक्स (Twitter) पर लिखा, “महायुति वैलेंटाइन महीने का जश्न मना रही है। नहीं।”
क्या आगे और बढ़ेगी दरार?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, महायुति में आंतरिक खींचतान बढ़ रही है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों बीजेपी के साथ सत्ता में हैं, लेकिन भविष्य में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं।
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