आदिवासी नेता अरविंद नेताम का आरएसएस मंच पर आगमन, छत्तीसगढ़ की राजनीति में उठी हलचल

रायपुर, 7 जून 2025 – छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने हाल ही में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर प्रदेश की आदिवासी राजनीति में बड़ी हलचल मचा दी है। नेताम ने इस मंच से न केवल धर्मांतरण जैसे संवेदनशील आदिवासी मुद्दों को उठाया, बल्कि संघ के प्रयासों की भी खुले तौर पर सराहना की।

अरविंद नेताम ने लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़ाव के बाद अपनी ‘हमर राज पार्टी’ बनाकर आदिवासी समाज के हितों के लिए काम किया है। उनका आरएसएस के मंच पर आना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि आदिवासी समाज के मुद्दों पर वैचारिक मतभेदों के बावजूद संवाद और सहयोग का नया दौर शुरू हो सकता है। यह कदम आरएसएस के लिए आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पैठ बढ़ाने का अवसर भी है।

नेताम ने मंच से धर्मांतरण और ‘डीलिस्टिंग’ जैसे विवादित मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की, जो पहले उनके रुख से अलग था। उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ संघ के अभियान की प्रशंसा की, जिससे भाजपा को आदिवासी वोट बैंक में मजबूती मिलने की संभावना बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी आबादी लगभग 32% है और 29 विधानसभा सीटें आदिवासी आरक्षित हैं, जो इस राजनीतिक बदलाव को और महत्वपूर्ण बनाती हैं।

नेताम ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद आदिवासी समाज के जल, जंगल, जमीन जैसे बुनियादी मुद्दों को प्रमुखता देना है और वे अपने समाज के हित के लिए किसी भी मंच का उपयोग करने को तैयार हैं। इस लचीले राजनीतिक रवैये से वे आदिवासी राजनीति में नई दिशा और समीकरण बनाने की स्थिति में हैं।

इस घटना से भाजपा को आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने और कांग्रेस को अपनी आदिवासी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत महसूस हो रही है। भविष्य में नेताम का आरएसएस के साथ जुड़ाव स्थायी गठबंधन में बदलता है या नहीं, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *