अमृतसर: अमेरिका से निर्वासित होकर लौटे पंजाब के एक युवक, सौरव, ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसमें उन्होंने बताया कि अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के लिए उनके परिवार ने ₹45 लाख खर्च कर दिए, लेकिन कुछ ही घंटों में उन्हें पकड़ लिया गया और वापस भारत भेज दिया गया।
अमेरिका में प्रवेश के कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तारी
एएनआई से बातचीत में सौरव ने बताया कि उन्होंने 27 जनवरी को अमेरिका में प्रवेश किया था, लेकिन 2-3 घंटे के भीतर ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें एक डिटेंशन कैंप में 15-18 दिन तक रखा गया और फिर अचानक भारत डिपोर्ट करने का फैसला सुनाया गया।
“हमें बताया गया कि हमें दूसरे कैंप में ले जाया जा रहा है, लेकिन जब हम फ्लाइट में चढ़े, तब पता चला कि हमें भारत वापस भेजा जा रहा है,” सौरव ने बताया।
₹45 लाख खर्च, जमीन बिकी, लेकिन सपना टूटा
सौरव ने बताया कि उनके माता-पिता ने अमेरिका भेजने के लिए जमीन बेच दी और रिश्तेदारों से कर्ज लिया, लेकिन अब वे पूरी तरह कर्ज में डूब गए हैं। उन्होंने सरकार से मदद की अपील करते हुए कहा, “हमारा सब कुछ चला गया, अब सरकार हमारी मदद करे।”
अवैध प्रवास के लिए खतरनाक सफर
सौरव ने बताया कि उन्होंने दिसंबर में भारत छोड़ा था और एक महीने से ज्यादा समय तक कई देशों से होते हुए अमेरिका पहुंचे। उनके यात्रा मार्ग में मलेशिया, मुंबई, एम्सटर्डम, पनामा, टापाचुला और मैक्सिको शामिल थे।
“हमने अमेरिकी अधिकारियों से पूरा सहयोग किया, लेकिन किसी ने हमारी अपील नहीं सुनी। हमें कैदियों की तरह रखा गया, हमारे हाथ-पैर बांध दिए गए, फोन छीन लिए गए और परिवार से संपर्क भी नहीं करने दिया गया,” सौरव ने कहा।
अमेरिका में सख्त हो रही अवैध प्रवास नीति
यह डोनाल्ड ट्रंप के अवैध प्रवास पर सख्त रुख का हिस्सा है।
- 5 फरवरी को पहले विमान से 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए।
- 15 फरवरी को दूसरी खेप में 116 अवैध प्रवासी भारत लौटे।
- 18 फरवरी को तीसरी खेप में 112 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया।
इन डिपोर्टियों में पंजाब, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के निवासी शामिल थे।
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