अमेरिका में बेहतर भविष्य की तलाश में निकलीं पंजाब की लवप्रीत कौर और उनके 10 साल के बेटे के सपने चकनाचूर हो गए। वे उन 104 भारतीयों में शामिल थीं, जिन्हें बुधवार को अमेरिकी वायुसेना के विमान से अमृतसर डिपोर्ट कर दिया गया। खास बात यह है कि लवप्रीत ने एक एजेंट को अमेरिका की सीधी यात्रा के लिए 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, लेकिन उन्हें ‘डंकी’ रूट से कई देशों में भटकने के बाद अमेरिका पहुंचाया गया।
‘सीधी फ्लाइट का वादा था, लेकिन डंकी रूट से पहुंचाया गया’
कपूरथला जिले के भोलाथ क्षेत्र की रहने वाली 30 वर्षीय लवप्रीत कौर ने बताया कि उनसे अमेरिका की सीधी यात्रा का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें खतरनाक रास्तों से भेजा गया।
उन्होंने बताया,
“हमें पहले कोलंबिया के मेडेलिन भेजा गया, जहां हमें दो हफ्ते रखा गया। फिर सैन सल्वाडोर (एल सल्वाडोर की राजधानी) ले जाया गया। वहां से तीन घंटे पैदल चलकर ग्वाटेमाला पहुंचे और फिर टैक्सी से मैक्सिकन बॉर्डर तक गए। मैक्सिको में दो दिन रुकने के बाद आखिरकार 27 जनवरी को अमेरिका में प्रवेश किया।”
अमेरिका पहुंचते ही हिरासत, 5 दिन तक कैंप में रखा
सीमा पार करने के तुरंत बाद अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लवप्रीत ने बताया,
“अमेरिका पहुंचते ही हमसे हमारे सिम कार्ड और छोटे गहने भी उतरवा लिए गए। पहले ही अपना सामान पिछले देशों में खो चुकी थी, तो जमा करने के लिए कुछ नहीं था। हमें पांच दिन तक एक कैंप में रखा गया और 2 फरवरी को कमर से लेकर पैरों तक जंजीरों से बांध दिया गया। केवल बच्चों को इनसे मुक्त रखा गया।”
40 घंटे तक नहीं बताया कहां ले जाया जा रहा
डिपोर्ट होने के दर्द को साझा करते हुए उन्होंने कहा,
“40 घंटे की उड़ान के दौरान हमें नहीं बताया गया कि हमें कहां ले जाया जा रहा है। जब विमान अमृतसर में उतरा, तब हमें बताया गया कि हम भारत वापस आ चुके हैं। यह सुनकर ऐसा लगा जैसे हमारे सारे सपने एक पल में बिखर गए।”
‘परिवार ने कर्ज लेकर एजेंट को पैसे दिए थे’
लवप्रीत का सपना अपने बेटे के भविष्य को बेहतर बनाना था, लेकिन अब उनके पास कुछ नहीं बचा। उन्होंने कहा,
“मेरे परिवार ने एजेंट को 1 करोड़ रुपये देने के लिए कर्ज लिया था, ताकि हम अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के पास कैलिफोर्निया पहुंच सकें। अब सब कुछ खत्म हो गया। मैं चाहती हूं कि सरकार इन धोखेबाज एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और हमें हमारा पैसा वापस दिलाए।”
सरकार से न्याय की मांग
लवप्रीत और उनका परिवार अब भविष्य को लेकर अनिश्चितता में हैं। उनके पास सिर्फ 1.5 एकड़ जमीन है, जहां वे अपने पति और बुजुर्ग ससुराल वालों के साथ रहती हैं। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा,
“मैंने अपने बेटे के लिए एक बेहतर जीवन चाहा था, लेकिन अब मैं नहीं जानती कि आगे क्या होगा। बस उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और कोई और परिवार इस दर्द से नहीं गुजरेगा।”
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