रायपुर: छत्तीसगढ़ में सोमवार (4 फरवरी) को कई बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक फैसले लिए गए। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) का कार्यभार सौंपा गया है, जबकि जीपी सिंह को राज्य का नया महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही बलौदा बाजार जिले में बाहरी मजदूरों और स्लम क्षेत्र में रहने वाले लोगों की पहचान के लिए फिंगरप्रिंट और व्यक्तिगत जानकारी एकत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांकेर जिले में 14 बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा दो ग्रामीणों की हत्या का मामला सामने आया है।
बीजापुर में माओवादियों ने दो ग्रामीणों की हत्या
बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुड़गीचेरू गांव में संदिग्ध माओवादियों ने दो ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों की पहचान कारम राजू (32) और माड़वी मुन्ना (27) के रूप में हुई है। पुलिस का मानना है कि इनकी हत्या मुखबिरी के संदेह में की गई है।
भाजपा ने 14 बागियों को किया निष्कासित
कांकेर जिले में नगरीय निकाय चुनावों में अनुशासनहीनता के चलते भाजपा ने 14 बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसमें कांकेर नगर पालिका परिषद से 1, चारामा नगर पंचायत से 4 और पखांजूर नगर पंचायत से 9 नेता शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि ये सभी प्रत्याशी पार्टी की रणनीति को नुकसान पहुंचा रहे थे।
आईपीएस जीपी सिंह बने नए डीजी
1994 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ का नया महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है। उनकी पदोन्नति पर विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक में मुहर लगाई गई है। बहुत जल्द इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।
बलौदा बाजार में बाहरी लोगों की पहचान के लिए फिंगरप्रिंट रजिस्ट्रेशन
बलौदा बाजार पुलिस जिले में बाहर से आने वाले लोगों, मजदूरों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उनका फिंगरप्रिंट और व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य अपराधियों की पहचान और अपराधों पर नियंत्रण रखना है।
आईपीएस अरुण देव गौतम बने डीजीपी
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को छत्तीसगढ़ का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) बनाया गया है। वह डीजीपी अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद का कार्यभार संभालेंगे। जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं होती, तब तक अरुण देव गौतम डीजीपी पद की जिम्मेदारी निभाएंगे।
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