प्रयागराज, 3 फरवरी: महा कुंभ मेले में तीसरा ‘अमृत स्नान’ सोमवार (बसंत पंचमी) को शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, वहीं अखाड़ों की भव्य शोभायात्राएं निकाली गईं, जो पिछले हफ्ते भगदड़ के कारण सीमित कर दी गई थीं।
श्रद्धालुओं की विशाल संख्या, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- दोपहर 4 बजे तक, करीब 2 करोड़ भक्तों ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान किया।
- 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर भगदड़ में 30 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से मॉनिटरिंग की और ‘जीरो-एरर’ सुरक्षा नीति अपनाने के निर्देश दिए।
- डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि हर संवेदनशील क्षेत्र पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया और आयोजन शांतिपूर्वक हुआ।
अखाड़ों का अनुशासित स्नान, हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
सुबह 4 बजे से संपूर्ण आयोजन धार्मिक अनुशासन और पंरपराओं के अनुसार संपन्न हुआ।
- पहले संन्यासी अखाड़ों ने स्नान किया, जिसमें पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, निरंजनी, आनंद, जूना और अवाहन अखाड़ा शामिल थे।
- 8:25 बजे से बैरागी संप्रदाय के अखाड़ों का क्रम शुरू हुआ, जिसमें पंच निरवाणी, पंच दिगंबर और पंच निर्मोही अखाड़े शामिल थे।
- 12:35 बजे से उदासीन संप्रदाय के अखाड़ों ने स्नान किया और अंतिम अखाड़ा दोपहर 3 बजे संगम से लौटा।
- अखाड़ों की शोभायात्राएं संतों, नागा साधुओं, पारंपरिक प्रतीकों और देव प्रतिमाओं के साथ निकलीं, जिस पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं, विदेशी भक्तों की बढ़ती आस्था
- दिल्ली से आए सार्थक ने कहा, “स्नान के बाद आत्मिक शांति का अनुभव हुआ।”
- नेपाल के निरंजन मिश्रा ने कुंभ की व्यवस्था और पुलिस सहायता की सराहना की।
- बेल्जियम की क्रिस्टल ने कहा, “मैं यहां आकर बहुत आनंदित हूं। सनातन धर्म से परिचय करवाने के लिए अपने दोस्तों की आभारी हूं।”
- रूस की मीनाक्षी गिरी, जो महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़ी हैं, ने कहा, “यह मेरे जीवन का सबसे पवित्र क्षण है। मैं पिछले 17 वर्षों से सनातन धर्म का पालन कर रही हूं।”
अब तक का सबसे बड़ा कुंभ, दुर्लभ ‘त्रिवेणी योग’ का संयोग
- 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 34.97 करोड़ श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
- मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को एक ही दिन में 8 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जो अब तक का सबसे बड़ा स्नान दिवस रहा।
- 2025 का कुंभ 144 वर्षों में एक बार आने वाले ‘त्रिवेणी योग’ में हो रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ माना जाता है।
महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलेगा, और इसके अगले प्रमुख स्नान पर्वों में माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) शामिल हैं।
