प्रयागराज में बुधवार को माघ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम में स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें “नो-व्हीकल जोन” लागू करना मुख्य है।
भगदड़ का कारण और प्रशासन की प्रतिक्रिया
महाकुंभ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल, वैभव कृष्ण ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ ने बैरिकेड्स को धक्का दिया, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हुई। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देर रात बैठक की। उन्होंने भगदड़ की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात को सुगम बनाने के लिए सख्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश
- सीमाओं पर होल्डिंग एरिया बनाएं: जिला सीमाओं पर होल्डिंग एरिया स्थापित कर भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा।
- वाहनों पर प्रतिबंध: 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों के शहर में प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
- सड़क पर विक्रेताओं को हटाना: सड़कों पर लगे फेरीवालों को खाली स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा ताकि यातायात बाधित न हो।
- भोजन और पानी की व्यवस्था: मेले में विभिन्न होल्डिंग एरिया पर खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
- मुख्य मार्गों की निगरानी: अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज, और वाराणसी-प्रयागराज जैसे मार्गों को खुला और बाधामुक्त रखा जाएगा।
आगे की योजना
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को अमृत स्नान होगा, जिसके लिए मेला क्षेत्र में व्यवस्था और सख्त की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मेला व्यवस्था का गुरुवार को निरीक्षण करने के निर्देश दिए।