बलौदाबाजार हिंसा: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 43 आरोपियों को दी जमानत, MLA देवेंद्र यादव का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलौदाबाजार हिंसा मामले में बुधवार को 43 आरोपियों को जमानत दे दी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर लिया गया, जिसमें इस मामले के मुख्य आरोपी नारायण मीरी को जमानत दी गई थी।

हालांकि, इस मामले में आरोपी बलौदाबाजार विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका को जिला न्यायालय, जिला सत्र न्यायालय और हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अब उन्होंने अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है, जिसकी सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

हिंसा का मामला
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज द्वारा धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान कई वाहन और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, इस हिंसा और तोड़फोड़ से 12.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

FIR और गिरफ्तारियां
इस मामले में कुल 13 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों ने पहले निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया और जमानत की अर्जी लगाई।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी नारायण मीरी को जमानत दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया था कि इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार निर्णय लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के आधार पर हाईकोर्ट ने अन्य 43 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर विचार किया और उन्हें जमानत दे दी।

अधिवक्ता का बयान
हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हर्षवर्धन पारगनिया ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और न्यायिक मिसाल को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिकाओं को स्वीकार किया गया। कोर्ट ने कहा कि जब किसी आरोपी को पहले ही जमानत मिल चुकी है और अन्य आरोपियों के मामले समान हैं, तो उन्हें भी जमानत दी जा सकती है।

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