रायपुर। छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित दूरदराज के इलाकों में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने स्थानीय और आदिवासी लोगों के बीच बीमारियों और पोषण की कमी को समझने के लिए एक व्यापक रक्त परीक्षण अभियान शुरू किया है।
इस पहल की शुरुआत कुछ महीनों पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आयोजित एक बैठक में हुई थी, जिसमें उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान और विकास की समीक्षा की थी। बैठक के दौरान अमित शाह ने रायपुर में घोषणा की थी कि भारत में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) का अंत मार्च 2026 तक हो जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल स्थानीय समुदायों की स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर तरीके से समझना है, बल्कि उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता और पोषण संबंधी उपायों की सुविधा भी प्रदान करना है।
सीआरपीएफ का यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार के विकास और सुरक्षा के प्रयासों का हिस्सा है। इस पहल से स्थानीय निवासियों में जागरूकता बढ़ाने और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने की उम्मीद की जा रही है।