पुणे: आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर पर उनके प्रमाण पत्रों की वैधता को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। 2007 में उन्होंने पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज और जनरल हॉस्पिटल में आरक्षित घुमंतू जनजाति-3 श्रेणी के तहत प्रवेश लिया था, जिसके लिए उन्होंने एक गैर-मलाईदार परत-ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। यह जानकारी कॉलेज के निदेशक अरविंद भोरे ने शनिवार को दी।
भोरे ने बताया कि खेडकर ने एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ अनएडेड प्राइवेट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेजेस ऑफ महाराष्ट्र (AMUPMDC) प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश प्राप्त किया था, जिसमें उन्होंने 200 में से 146 अंक प्राप्त किए थे। NEET की शुरुआत के बाद AMUPMDC अब अस्तित्व में नहीं है।
खेडकर पर अब कई जांच चल रही हैं, जिसमें UPSC को गैर-मलाईदार परत का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना भी शामिल है, जबकि उनके पास कम से कम 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें परिवार की ओर से उपहार भी शामिल हैं। उनके चयन को मापदंड विकलांगता श्रेणी के तहत भी समीक्षा की जा रही है।