अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना : बढ़ी सीयासी तकरार, सीएम बघेल ने कहा एयरपोर्ट के समान निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

रायपुर (छत्तीसगढ़)। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के लॉन्चिंग के साथ ही छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस भाजपा आमने-सामने आ गए है। भाजपा जहां इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में परोस रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि जब ट्रेन नहीं चल रही तो ऐसी सुंदरता किस काम की। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इसमें इस बात की आशंका है कि जिस प्रकार से एयरपोर्ट को पहले चमकाया जाता था। 2 हजार करोड़ या 4 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्ट करते थे। उसके बाद उसे नीलाम कर दिया जाता था। यह भी उसी प्रकार से हो रहा है। जो देश भर के बड़े-बड़े रेलवे स्टेशन हैं, उन्हें मोडिफाई कर निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। 

विपक्ष के पुराने ढर्रे पर चलने के पीएम मोदी के बयान पर कहा कि यदि देश की संपत्ति को बेचोगे तो नया पुराना क्या है। सभी स्तरों पर विरोध होगा। सारी संपत्ति को बेच रहे हैं, अभी बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट शुरू भी नहीं हुआ है और बेचने की तैयारी है। ऐसे में विरोध होना चाहिए। यह गलत कहां है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के लेट से चलने और कैंसिल होने पर पीएम नरेंद्र मोदी को पहले भी खत लिख चुके हैं। 

लगातार ट्रेनें लेट से चल रही हैं। बहुत सारी ट्रेनें निरस्त हो जा रही हैं। यह बहुत ही दुखद है क्योंकि छत्तीसगढ़ में विरल बसाहट है। आवागमन का सबसे सुलभ और सस्ता साधन रेल है। ऐसे में विलंब से पहुंचना या कैंसिल हो जाना यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है।

पीएम मोदी के 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ आने के सवाल पर कहा कि वह पहले भी झूठ परोस कर गए कि भारत सरकार धान खरीदती है।  पता नहीं फिर क्या बोलेंगे। चाहे लोकसभा हो या राज्यसभा। केंद्र सरकार से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं, लेकिन हम इस सरकार से उम्मीद नहीं करते हैं। जिस तत्परता के साथ राहुल गांधी की सदस्यता खत्म की गई। उनके बंगले को खाली कराया गया। अब सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आ गया है, तो उसके बाद भी उसमें कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रहा है। इसका मतलब यह है कि केंद्र सरकार राहुल गांधी से डरी हुई है।