नई दिल्ली, 09 जून 2025।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल को जनसेवा, तेज़ विकास और समावेशी नीतियों का प्रतीक बताया। तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के पूर्ण होने पर उन्होंने कहा कि भारत न केवल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और डिजिटल नवाचार जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी एक प्रभावशाली आवाज़ के रूप में उभरा है।
प्रधानमंत्री ने X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए अपने पोस्ट में लिखा, “140 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद और भागीदारी से भारत ने हर क्षेत्र में तेज़ परिवर्तन देखा है। हम अपने सामूहिक सफलताओं पर गर्व करते हैं और ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए नए संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं।”

सामाजिक न्याय को दिया गया विशेष स्थान
प्रधानमंत्री द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, वर्तमान केंद्रीय मंत्रिपरिषद में 60% मंत्री अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। यह अब तक का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है और सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। यह कदम विपक्ष के उस आरोप का भी जवाब है जिसमें भाजपा सरकार को सामाजिक समूहों के खिलाफ बताया गया है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर चलती सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर काम कर रही है और आर्थिक विकास से लेकर सामाजिक उत्थान तक हर नीति का केंद्र बिंदु आम जनता रही है।
विकास की झलकियाँ:
- 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन
- 15 करोड़ घरों को नल से जल सुविधा
- 4 करोड़ से अधिक गरीबों के लिए पक्के मकान
- 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण
- 68 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण
- 52.5 करोड़ छोटे उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत ऋण
- 20 करोड़ महिलाओं को कोविड काल में नकद सहायता
प्रधानमंत्री ने इसे “11 साल की सेवा” (#11YearsOfSeva) का परिणाम बताया और कहा कि उन्होंने ‘इंडिया फर्स्ट’ की सोच के साथ हर नीति को दिशा दी है।
यह पोस्ट इस बात की पुष्टि करता है कि ‘विकासवाद’ अब भारत की मुख्यधारा की राजनीति और नीति निर्माण का केंद्र बन चुका है।
