आवारा पशुओं के विचरण पर नकेल कसने बेमेतरा प्रशासन मुस्तैद, कलेक्टर एल्मा की मानिटरिंग में की जा रही दिन-रात कार्रवाई

बेमेतरा (छत्तीसगढ़)। जिले में सड़़क पर आवारा पशुओं के विचरण पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों द्वारा सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, उद्यानों में विचरण करते पाए जाने पर संबधित पशुपालकों से जुर्माना वसूला जाएगा और पशुओं को निकटतम कांजी हाउस भेजा जाएगा। पुनरावृत्ति होने पर जुर्माना राशि ली जाएगी। साथ ही पशु अतिचार अधिनियम के तहत् पशुपालकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टर पी. एस.एल्मा स्वयं खुले में घूम रहे आवारा एवं घुमंतू मवेशियों की धरपकड़ की मानिटरिंग कर रहे हैं। मवेशियों को गौठानों. कांजी हाउसों में पहुँचाने को प्रक्रिया पर सतत निगरानी बनाएं हुएहै। उन्होंने इसके लिए ज़िला स्तरीय समिति का गठन भी किया है। समिति में अपर कलेक्टरए मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहितए नगर पालिका एवं पशुधन विकास आदि विभाग के अधिकारी सदस्य है। समिति सदस्यों को मवेशियों को सड़कों, चौक-चौराहों पर विचरण करने से रोकने सख़्त निर्देश दिए गए है।

कलेक्टर की निर्देशन में बेमेतरा शहर ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे नगरीय निकायों मे भी खुले में घूम रहे मवेशियों की धरपकड़ जारी है। बीते एक हफ़्ते के भीतर ज़िले में खुले में घूम रहे और सड़कों पर बैठने वाले सैकड़ों मवेशियों को पकड़ कर गौठानों, कांजी हाउसों में पहुँचाया जा चुका है।

कलेक्टर एल्मा ने अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आवारा मवेशियों की धरपकड़ में किसी भी तरह का कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगरीय निकाय और पशुपालन विभाग के दल आज भी दिन भर खुले में घूमने वाले मवेशियों को रास्तों से पकड़ कर उठाने में लगे रहे। बेमेतरा शहर में मुख्य सड़क, चौराहे से लेकर राष्ट्रीय, राजमार्ग, दुर्ग, कबीरधाम, सिमगा जाने वाली सड़क पर आवारा पशुओं को नगर निकाय के अमले ने पकड़ पास के गौठान और कांजी हाउस दाखिल कराया है। ज़िले के बेरला नगर पालिकाए सजा और ननवागढ़ में रोका-छेका अभियान के तहत आवारा और सड़क पर घूम रहे मवेशियों को पकड़ गौठान में भेजा गया।

इस दौरान पशुपालन विभाग के अधिकारियों, पशु चिकित्सकों और नगर निकाय के समन्वय से आवारा मवेशियों के गले में रेडियम बेल्ट भी डाला जा रहा है। ताकि रात के समय उन्हें सड़क दुर्घटनाओं से बचाया जा सके। पशुपालन विभाग के कर्मचारियों ने पशुओं की टेगिंग भी की ताकि ऐसे पशुओं की पहचान की जाकर आगे उनके मालिकों के विरुद्ध करवाई की जा सके। खुले में घूम रहे मवेशियों की धर पकड़ में स्थानीय पार्षदों, सरपंचों, राजीव गांधी युवा मितान क्लब के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों की भी सहायता ली जा रही है।