भोपाल (मध्यप्रदेश)। एमपी के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। अब तक कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें छह चीता और कूनो में जन्मे तीन शावक शामिल हैं। आज जिस चीते की मौत हुई, वह मार्च के बाद से मरने वाला छठा वयस्क चीता है। मध्य प्रदेश वन विभाग ने इस बारे में बुधवार के एक बयान जारी कर जानकारी दी।
मध्य प्रदेश वन विभाग ने कहा है कि आज सुबह मादा चीतों में से एक धात्री (तिब्लिसी) मृत पाई गई। मौत का कारण जानने के पोस्टमार्टम किया जा रहा है। 14 चीते जिनमें सात नर, छह मादा और एक मादा शावक को कूनो के बाड़े में रखा गया है। एक मादा चीता खुले में है, जिसकी एक टीम निगरानी कर रही है। वन विभाग ने बयान में कहा है कि उसे स्वास्थ्य जांच के लिए वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
बता दें कि श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में 26 जून को ‘सूरज’ चीता को देर शाम बड़े बाड़े से खुले जंगल में आजाद कर दिया गया था। सूरज 10वां चीता था, जो कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ा गया था। वहीं, साउथ अफ्रीका से लाए गए और बाड़े नंबर 6 में रखे गए नर चीता ‘तेजस’ की मौत भी मौत 11 जुलाई को हो गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के दिन 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को भारत लाए जाने पर पीएम मोदी ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। अब इन्ही चीतों का रखरखाव ठीक से नही हो पा रहा है और मौत का ग्रास बनते जा रहे हैं।
देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। देश में 70 साल बाद सितंबर 2022 में चीतों की वापसी हुई। साउथ अफ्रीका 12 और नामीबिया 8, कुल 20 चीते भारत लाए गए। एक मादा चीता ने चार शावकों जन्म दिया। ऐसे में उनकी संख्या 24 हो गई। इनमें से अब केवल 15 चीते ही बचे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी एक माह पहले चीतों की मौत पर नाराजगी जाहिर कर चुका है और केंद्र को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आदेश दे चुका है। इसके बावजूद इन्हें अनुकूल वातावरण के जंगलों में शिफ्ट नहीं किया गया है।