सुआ नृत्य की तैयारी कराते समय 3 मासूम बच्चियों से अश्लीलता, आरोपी कुल 30 वर्ष के कारावास से दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। सुआ नृत्य के लिए 3 मासूम बच्चियों को तैयार करते समय अश्लील हरकत किए जाने के मामले में स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है। मामले के अभियुक्त को कोर्ट ने कुल 30 वर्ष के कारावास तथा 6 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया है। पीड़ित बच्चियों की उम्र 8 से 9 वर्ष की है। अभियुक्त को तीनों अलग-अलग मामलों में दफा 353 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत 3-3 बार दंडित किए जाने का फैसला स्पेशल कोर्ट ने दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। दीपावली पर्व पर होने वाले पारंपरिक तौर पर किए जाने वाले सुआ नृत्य की तैयारी के दौरान क्षेत्र की तीन मासूम 11 नवंबर 2020 को इस घटना की शिकार हुई थी। अभियुक्त शंकर बर्मन (42 वर्ष) शाम को लगभग 7 बजे बच्चियों को नृत्य के लिए तैयार करने अपने घर में साड़ी पहना रहा था। इसी दौरान उसने बच्चियों के संवेदनशील और प्राइवेट पार्ट के अश्लील हरकत की थी। साथ ही इस हरकत की जानकारी किसी को देने पर पिटाई करने की धमकी दी थी। डर कर बच्चियों ने यह जानकारी अपने परिजनों को नहीं दी। जिसका खुलासा होने में 11 दिन का समय लग गया।

दरअसल एक सप्ताह बाद पीड़ित बच्चियों ने सहेली से इस घटना का जिक्र कर दिया। बात फैलते-फैलते शंकर द्वारा बच्चियों के साथ की गई अश्लीलता की जानकारी परिजनों तक पहुंच गई। जिसके बाद इस मामले की शिकायत 21 नवंबर को पुलिस में की गई। पुलिस ने अभियुक्त शंकर बर्मन को 22 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत में पेश किया गया था।

प्रकरण पर विचारण पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात अभियुक्त शंकर बर्मन (42 वर्ष) को अश्लील छेड़खानी और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के तहत दोषी करार दिया गया। अभियुक्त को दफा 354 के तहत 3 बार 5-5 वर्ष के तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत 3 बार 5-5 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया।सभी सजाएं पृथक-पृथक चलेंगी।