रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज पीटीएस माना कैंप में आयोजित छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने समापन समारोह में पुलिस मार्च पास्ट की सलामी लेते हुए पुलिस खेलकूद के चिन्ह का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ऐसे आयोजन हमारे जवानों के जोश और ऊर्जा को रिचार्ज कर देते हैं और यही वे दो चीजें हैं जो हर जवान की पहचान है। बघेल ने कहा कि पुलिस विभाग का काम आसान नहीं है। कदम कदम पर चुनौतियां होती हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए तन और मन दोनों में स्फूर्ति का होना बहुत जरूरी होता है। खेलकूद न सिर्फ हमें स्फूर्तिवान बनाता है बल्कि काम के तनाव से मुक्ति भी दिलाता है। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जगाता है। अपने कर्तव्यों का सफलता पूर्वक निर्वहन करने के साथ साथ हमारे पुलिस जवानों ने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में कई पुरस्कार जीतकर अपने प्रदेश और अपने विभाग का नाम रौशन किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खेलों और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रशिक्षण सुविधाएं जुटाने का अभियान भी छेड़ा है। इसी के अंतर्गत बिलासपुर में एथलेटिक्स, हॉकी तथा तीरंदाजी का एक्सीलेंस सेंटर तथा रायपुर में टेनिस स्टेडियम तथा अकादमी का निर्माण किया जा रहा है।राज्य में छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण का गठन किया जा चुका है। प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को मिलने वाली पुरस्कार राशि में वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक जैसे आयोजनों की शुरुआत की गई है ताकि ग्रामीण से लेकर शहरी स्तर तक खेल प्रतिभाओं को अवसर मिले। इन प्रतिभाओं को तराशा जा सके। उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और पूरे राज्य में खेलकूद का वातावरण लगातार बना रहे।
बघेल ने कहा कि सरकार ने राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल को विश्वास, विकास, सुरक्षा का मंत्र दिया है। विकास,विश्वास और सुरक्षा की रणनीति के कारण ही प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे जवानों ने इस मंत्र को आत्मसात करते हुए सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं और नई प्रौद्योगिकी तथा नई सोच से अपराधों की जांच और रोकथाम बखूबी की है। इसके लिए पुलिस बल की विभिन्न इकाइयों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।
इस अवसर पर राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़िया परम्परा में बसी हमारी खेल विधाओं को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पारम्परिक सोच के तहत राज्य में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है। हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति के पुनर्उत्थान एवं छत्तीसगढ़िया लोगों की खेल भावनाओं को जागृत करने के उद्देश्य से इसका सफल आयोजन किया गया, जो देश ही नहीं विदेशों तक चर्चा का विषय बना रहा।
मंत्री साहू ने कहा कि पुलिस खेलकूद प्रतियोगिता जैसी प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन से जहां पुलिस जवानों में स्वस्थ प्रतियोगी भावनाएं, अनुशासन, शारीरिक दक्षता एवं आपसी भाईचारे की भावना जागृत होती है वहीं कठिन परिस्थितियों में जूझने की क्षमता भी प्राप्त होती है।
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। तीन दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में कुल 952 खिलाड़ी शामिल हुए थे जिनमें 831 पुरुष तथा 121 महिलाएं शामिल थीं। इस प्रतियोगिता में कुल 23 इवेंट शामिल किए गए थे जिसमें छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में शामिल रस्साकसी एवं गेड़ी दौड़ जैसे खेल भी शामिल थे। प्रतियोगिता में ओवरआल विजेता का खिताब पीटीएस रेंज को मिला जबकि बेस्ट एथलीट का पुरस्कार दुर्ग रेंज के कांस्टेबल अशोक वर्मा को मिला।
छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह के अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा समेत राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।