दुर्ग (छत्तीसगढ़)। खून की एक बूंद मानव के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है और रक्तदान करना सबसे बडी मानव सेवा है। इसे चरितार्थ करने एनएसएस बीआईटी दुर्ग के रेड रिबन क्लब ने विश्व के सर्वोच्च रक्तदाता संगठन अखिल भारतीय तेरापंथ युवा परिषद के साथ मिलकर मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव का आयोजन किया गया। विश्वकर्मा जयंती पर 17 सितंबर को शिविर का आयोजित कर जिला सरकारी अस्पताल ब्लड बैंक दुर्ग में रक्तदान किया गया। शिविर में रक्तदान सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहा। जिसमें एनएसएस बीआईटी दुर्ग के रेड रिबन क्लब ने भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से तेरापंथ युवा परिषद के साथ अपनी भगीदारी दर्ज कराई।
इस शिविर में नि:शुल्क मिनी चिकित्सा जांच, कैंसर के जोखिम को कम करना और दिल के दौरे के जोखिम को कम करना आदि की जानकारी प्रदान की गई। जिन बातों को एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयं सेवकों ने समझते हुए बड़ चढ़कर हिस्सा लिया और अन्य लोगो को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित भी किया।
बता दें कि इस अभियान से भारत में हर साल लगभग 11 मिलियन यूनिट रक्त का संचालन किया जाता है। शासकीय जिला चिकित्सालय में आयोजित तेरापंथ युवा परिषद के 98वें स्थापना दिवस पर 17 सितंबर को दुर्ग में लगभग 810 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया जिस्में एनएसएस के स्वयं सेवकों ने भी अपना योगदान दिया।
अभियान में कॉलेज और विश्वविद्यालय के कई स्वयंसेवकों ने भाग लिया। भारत सरकार द्वारा घोषित रक्तदान अमृत महोत्सव के उत्सव को चिह्नित करते हुए रक्तदाताओं ने रक्तदान किया और किसी के जीवन को बचाने में योगदान दिया। एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयं सेवकों ने अपने रक्तदान के अनुभव को साझा किया, उन्होंने बताया की रक्तदान करके का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ और इस पहल का हिस्सा बन कर अच्छा लगा।
कार्यक्रम का आयोजन मुदित जैन (तेरापंथ युवा परिषद, दुर्ग अध्यक्ष) और ऋषभ जैन (सचिव), डॉ प्रवीण अग्रवाल (सरकारी अस्पताल ब्लड बैंक प्रभारी) और राज आङत्या जी, (नवदृष्टी फाउंडेशन) के समर्थन में किया गया था। एनएसएस बीआईटी दुर्ग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्दीकी ने इस आयोजन को सफल बनाने की दिशा में नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम के सफलता में एनएसएस स्वयंसेवक हर्ष कंकने, कृतिका तिवारी, प्रीति, श्रेया, ऋषभ, अंकित, कमल और बाला ने महत्वपूर्ण भूमिका रही।