जामुल (छत्तीसगढ़)। जामुल में भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि मनाई गई। गणमान्य नागरिको और संघ के स्वयंसेवको ने पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। समाज सेवी केदार राम साहू ने अटल जी के जीवन के विषय में प्रकाश डालते हुए कहा कि अटलजी ने की बीए की शिक्षा ग्वालियर के वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाने वाले विक्टोरिया कॉलेज में प्राप्त की। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक करने के बाद अटलजी ने कानपुर के डीएवी महाविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्रथम श्रेणी में प्राप्त की।
अटलजी एक प्रखर वक्ता और कवि थे। ये गुण उन्हें उनके पिता से वंशानुगत मिले थे। अटलजी को स्कूल के समय से ही भाषण देने का शौक था और स्कूल में होने वाली वाद-विवाद, काव्यपाठ और भाषण जैसी प्रतियोगिताओं में वे हमेशा हिस्सा लेते थे। अटलजी छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में हिस्सा लेते रहे। अटलजी ने अपने जीवन में पत्रकार के रूप में भी काम किया और लंबे समय तक ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पाञ्चजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। अटलजी ने आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया और उन्होंने उसका अंत तक निर्वहन किया।
अटलजी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने लंबे समय तक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे प्रखर राष्ट्रवादी नेताओं के साथ काम किया। अटलजी सन् 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। अटलजी सन् 1957 के लोकसभा चुनावों में पहली बार उत्तरप्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे थे। अटलजी 1957 से 1977 तक लगातार जनसंघ की ओर से संसदीय दल के नेता रहे। अटलजी ने अपने ओजस्वी भाषणों से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू तक को प्रभावित किया था। इस अवसर पर केदार साहू, जोगेश्वर सोनी, दिलेश्वर उमरे, नेतराम साहू, विष्णु सिन्हा, वेदप्रकाश, सूरज शर्मा, जितेश देवांगन ,ओमकार निर्मल, दिनेश निर्मल, राहुल पटेल, देवेन्स,भावेश तिलक यादव आदि सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।