नई दिल्ली। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करे। अदालत का कहना है कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अदालत ने अभी केवल अनुसूचित जाति ( एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर सुनाया। जाफर के मुताबिक अदालत ने आदेश दिया है कि राज्य निर्वाचन आयोग 15 दिन के अंदर पंचायत और नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करे। ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है। सरकारी की रिपोर्ट अधूरी होने के कारण प्रदेश में ओबीसी वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36 फीसदी आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20 फीसदी आरक्षण एसटी और 16 फीसदी एससी को आरक्षण मिलेगा।
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण के साथ कराने की घोषणा की थी।