नई दिल्ली। कुरआन से 26 अयातों को निकाले जाने की मांग का मुद्दा गर्माता जा रहा है। इस मांग को उठाने वालें उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ लखनऊ में मुसलमानों ने सख्त रुख अपनाया है। उन्हें इस्लाम से बाहर करने का एलान किया गया है। वहीं कहा है कि मुल्क के किसी भी कब्रिस्तान में न तो उन्हें दफन होने दिया जायेगा और न ही मुल्क का कोई मौलाना उनके जनाजे की नमाज पढ़ायेगा। बता दें कि वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा है कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद सिखाती हैं, इसलिए उन्हें कुरआन से निकाल दिया जाए।
लखनऊ में आज मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर हुए सम्मेलन में शिया और सुन्नी दोनों फिरकों के मौलाना शामिल हुए। सम्मेलन आसफी इमामबाड़े के सामने हुआ। सम्मेलन में कहा गया कि वसीम रिज़वी का कुरआन के बारे में ऐसी याचिका दाखिल करने का मकसद हिन्दू लोगों की नजरों में मुसलमानों को घृणा का पात्र बनाना है। आरोप लगाया गया कि वसीम इस ध्रुवीकरण से अपने राजनीतिक आकाओं को चुनावी फायदा पहुंचना चाहते हैं। सम्मेलन में शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वसीम शिया मुसलमान हैं लेकिन इस मुद्दे पर देश का हर शिया मुसलमान उनके खिलाफ खड़ा है। उन्होंने कहा कि वो दुनिया के दो सबसे बड़े शिया मौलानाओं, इराक़ में मौलाना अयातोल्लाह सीस्तानी और ईरान में मौलाना अयातोल्लाह ख़ामेनेई तक वसीम की बात पहुंचाएंगे और कुरआन से 26 आयतें निकालने की मांग पर उनसे फतवा ले जाएंगे। ताकि वसीम को यह पता चल जाए कि दुनिया में शियाओं का सबसे बड़ा धार्मिक नेतृत्व इस बेवकूफी भरी मांग पर क्या राय रखता है।
शिया धर्म गुरुओं ने सम्मेलन में कहा कि इस तरह वो शिया-सुन्नी के बीच भी विवाद कराना चाहते हैं। वसीम रिजवी का शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पे कार्यकाल खत्म हो गया है। उनके खिलाफ वक्फ की जायदाद में घोटाला करने के आरोप में सीबीआई जांच भी हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि वसीम मुस्लिम विरोधी काम इसलिए भी करते हैं ताकि वह सीबीआई जांच से बच जाएं। गुस्साए लोगों ने सम्मेलन के बाद वसीम की तस्वीर पर जूते भी बरसाए।
परिवार ने भी छोड़ा वसीम का साथ
इस मामले में आज वसीम रिजवी ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा है कि कुरान से 26 आयतें निकालने की उनकी मांग के बाद उनके घर वाले, यहां तक कि उनके बीवी-बच्चे भी उन्हें छोड़ कर चले गए हैं। लेकिन वह आखिरी दम तक इस मुद्दे पर लडेंगे और जब उन्हें लगेगा कि वो हार रहे हैं तो खुदकुशी कर लेंगे।

