समीक्षा, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण, जल संसाधन, पंचायत सहित सभी निर्माण विभागों द्वारा संपादित कार्यो की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नही किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्यों में थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभवित क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी के कार्यो की भी समीक्षा की और इन्हें प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री बघेल ने समीक्षा के दौरान सड़कों के किनारे जहां लोक निर्माण विभाग की पर्याप्त जगह है उनका व्यावसायिक उपयोग करने के निर्देश दिए। इन स्थानों में होटल, ढाबा आदि के लिए सुविधाएं विकसित करने कहा को ताकि स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्ध हो सके और राहगीरों को भी सुविधाएं मिल सके। श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भविष्य में सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण करते समय भी इन सुविधाओं को विकसित करने का ध्यान रखा जाए और इनके लिए जमीन आरक्षित रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने भवन, सड़क, पुल-पुलियों सहित सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए प्रगतिरत कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि सड़कों और पुलों के वार्षिक संधारण कार्य के लिए निर्धारित अवधि 3 वर्ष को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण जैन ने प्रस्तुतिकरण के जरिए वित्तीय एवं भौतिक कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत 36 कार्य स्वीकृत हैं इनमें से 18 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। पूर्ण कार्यो में 1049 किमी सड़क 5 पुल और एक रेल्वे ओव्हर ब्रिज शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के 767 किमी लम्बाई के 26 सड़कों में से 615 किमी की 11 सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं, शेष कार्य दिसंबर 2020 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। जैन ने वर्ष 2020-21 के बजट में किए गए मुख्य प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 723 विभिन्न कार्यों के लिए 659 करोड़ की राशि प्रावधानित हैं। इनमें चालू वित्तीय वर्ष में 39़25 किलोमीटर लम्बाई की 603 सड़कों के लिए 480 करोड़ रूपए, 97 वृहद पुलों के लिए 90 करोड़ रूपए, 08 अंडर और ओव्हर ब्रिज के लिए 30 करोड़ रूपए, संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अंबिकापुर में इंडोर स्टेडियम के लिए 33 करोड़ रूपए, ग्यारह जिला मुख्यालयों धमतरी, कोरबा, कांकेर, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, कोरिया, बलरामपुर, जशपुर और बीजापुर में आडिटोरियम के लिए 22 करोड़ रूपए के प्रावधान किए गए हैं।
इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के 120 भवनों में ऑनग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए 4 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में कोरोना महामारी संक्रमण की रोकथाम के तहत मेडिकल कालेजों और जिला अस्पतालों में 8 करोड़ 69 लाख रूपए की लागत से एसी, विद्युतिकरण, गैस पाइप लाइन सहित विभिन्न कार्य किए गए। इस माह की 20 तारीख  से अब तक विभाग द्वारा 104 कार्य शुरू किए गए हैं इनमें 40 सड़क, 42 भवन और 22 पुल के कार्य शामिल हैं।
समीक्षा बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रगतिरत कार्यों की जानकारी में बताया गया कि 6633 करोड़ रूपए की लागत के 844 कार्य प्रगति पर हैं। इन कार्यों पर मार्च 2020 तक 1922 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। इन कार्यों में 148 ऐसे कार्य जिनमें 75 प्रतिशत राशि व्यय हो चुकी हैं उन्हें प्रथम चरण में जून माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। ऐसे 161 कार्य जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है इन्हें द्वितीय चरण में तथा शेष 535 कार्यों को तृतीय चरण में पूरा किया जाएगा।