रिसाली की नीलम तिवारी ने किया देहदान का संकल्प, बनीं समाज के लिए प्रेरणा

दुर्ग, 12 मार्च 2025: रिसाली निवासी और सोशल मीडिया मैनेजर नीलम तिवारी ने आज अपने देहदान की घोषणा कर समाज के लिए एक मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी देहदान की वसीयत नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया और राजेश पारख को सौंपी।

माँ की अधूरी इच्छा को पूरा कर रही हैं नीलम

नीलम तिवारी ने बताया कि उनकी माँ की इच्छा थी कि वे अपना देहदान और नेत्रदान करें, ताकि उनके नेत्रों से किसी जरूरतमंद को रोशनी मिल सके और मेडिकल छात्रों को रिसर्च के लिए केडावर प्राप्त हो सके। हालांकि, उनके माँ के आकस्मिक निधन और तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो सका। अब नीलम खुद देहदान का संकल्प लेकर माँ की अधूरी इच्छा को पूरा कर रही हैं।

साहसिक निर्णय, समाज को मिलेगी प्रेरणा

पीयूष मालवीय ने नीलम तिवारी के निर्णय को साहसिक और समाज के प्रति समर्पण की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “नीलम अकेले जीवन यापन कर रही हैं, फिर भी कठिन परिस्थितियों में उनका यह कदम समाज के लिए प्रेरणादायक है।”

नवदृष्टि फाउंडेशन का सराहनीय प्रयास

नवदृष्टि फाउंडेशन के यतीन्द्र चावड़ा ने कहा कि उनकी संस्था लगातार देहदान, नेत्रदान और त्वचादान के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। अब लोग स्वेच्छा से आगे आकर मानवता की सेवा के लिए देहदान और नेत्रदान कर रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति **देहदान या त्वचादान के लिए मार्गदर्शन चाहता है, तो नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्यों से संपर्क कर सकता है या 9826156000 / 9827190500 पर फोन कर सहायता ले सकता है।

समाज के अग्रणी लोगों ने की सराहना

नीलम तिवारी के इस निर्णय की सराहना नवदृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, मंगल अग्रवाल, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख, पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक, विनोद जैन, राकेश जैन समेत कई गणमान्य लोगों ने की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

देहदान: मानवता की सच्ची सेवा

नीलम तिवारी का यह निर्णय सामाजिक जागरूकता और मानवता की सेवा का अनूठा उदाहरण है। यह समाज को एक नई दिशा देने के साथ-साथ लोगों को देहदान और नेत्रदान के लिए प्रेरित करेगा।

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