हाईकोर्ट के निर्देश से शिक्षक भर्ती पर फंसा पेंच : सहायक शिक्षक एवं शिक्षक पद के लिए बीएड के अभ्यर्थी की काउंसलिंग पर लगी रोक

रायपुर, (छत्तीसगढ़)। राज्य में भूपेश सरकार द्वारा प्रारंभ शिक्षक भर्ती अभियान में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पेंच फंस गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार को सहायक शिक्षक व शिक्षक पद के लिए बीएड डिग्री धारण अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। जिसके चलते शिक्षा विभाग इस वर्ग के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई है। वहीं डी.एड. एवं डी.एल.एड. के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग यथावत जारी रहेगी।

बता दें कि युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने कुल 12489 पद विज्ञापित किए गए थे। जिसके आधार पर व्याख्याता के 432 पदों पर भर्ती लगभग पूरी हो चुकी है. शिक्षक के 5772 पदों पर काउंसिलिंग एवं दस्तावेज सत्यापन का कार्य लगातार चल रहा है और लगभग 10 दिन में पूरा हो जायेगा। इन पदों पर बी.एड. योग्यता वाले अभ्यर्थी पात्र है तथा उनकी भर्ती लगातार की जा रही है।

सहायक शिक्षक के 6285 पदों पर नियुक्ति के लिये काउंसिलिंग प्रारंभ जा चुकी है। छत्तीगसद शासन व्दारा जारी विज्ञापन में सहायक शिक्षक के पदों पर भी बी.एड. को पात्र माना गया था, और उन्हें व्यापाम की परीक्षा में बैठने का अवसर भी दिया गया।

इसी बीच अचानक 11 अगस्त को राजस्थान राज्य से संबंधित सिविल अपील क्र. 5068/2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने बी.एड. को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिये अपात्र घोषित कर दिया।

इसके तत्काल बाद उच्च न्यायालय बिलासपुर ने याचिका क्र. डब्ल्यू.पी.एस. 5788/2023 में 21 अगस्त को सहायक शिक्षक पद हेतु बी.एड. योग्यता वाले अभ्यर्थियों के लिए काउंसलिंग की कार्यवाही स्थगित रखने का आदेश दिया, परन्तु डी.एड. एवं डी.एल.एड. की काउंसलिंग पर कोई रोक नही लगाई।

न्यायालय के इस आदेश में पालन में डी.एड. एवं डी.एल.एड. योग्यता वाले अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग जारी रखी गयी है, जिससे राज्य के युवाओं को शीघ्रता से रोजागार दिया जा सके. बी.एड. योग्यता वाले अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध विधिक उपचारों के बारे में महाधिवक्ता से मार्गदर्शन मांगा गया है।