एसीबी कोर्ट ने सुनाई भ्रष्ट फॉरेस्ट रेंजर को 5 साल कैद की सजा, 23 वर्ष में अर्जित की थी साढ़े 45 लाख रुपए की अवैध संपत्ति

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी स्पेशल कोर्ट ने आरोपी फॉरेस्ट रेंजर को दोषी ठहराया है। भ्रष्ट रेंजर के पास से 23 साल की नौकरी में आय से अधिक 45,63,328 रूपए की अर्जित चल-अचल संपत्ति बरामद की गई थी। इस आरोप में रेंजर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश आदित्य जोशी की अदालत में आज शुक्रवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक जाहिदा परवीन ने पैरवी की थी।

आय से अधिक संपत्ति के मामले एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा वर्ष नवंबर 2016 में कांकेर के मूल निवासी फॉरेस्ट रेंजर शंकर दास (51 वर्ष) के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। गुप्त सूचना के आधार पर एसीबी टीम ने डीएसपी डीएन शर्मा के नेतृत्व में रेंजर शंकर दास के कुम्हारी स्थित सरकारी आवास पर 15 नवंबर 2016 को दबिश दी गई थी। इस दौरान शंकर दास धमधा परिक्षेत्र में पदस्थ था। दबिश के दौरान भारी मात्रा में आरोपी सहित उसकी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से चल-अचल संपत्ति होने का खुलासा हुआ था।

पड़ताल में पाया गया कि आरोपी की रेंजर पद पर 10 नवंबर 1993 को विभाग में नियुक्ति हुई थी। इन 23 वर्ष के कार्यकाल वेतन तथा विभिन्न माध्यमों से कुल 39 लाख 74 हजार 340 रूपए की आय अर्जित हुई थी। वहीं जांच में 85 लाख 37 हजार 668 रूपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। इस प्रकार से 45 लाख 63 हजार 328 रूपए की अतिरिक्त संपत्ति अर्जित किया जाना पाया गया। एसीबी ने जांच पूरी होने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रकरण को विचारण के लिए प्रस्तुत किया था।

प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में किया गया। विचारण पश्चात एसीबी स्पेशल कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में अभियुक्त फॉरेस्ट रेंजर शंकर दास को दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (ई) तथा 13(2) के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।