गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। गरियाबंद जिले में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी पुष्पित एवं पल्लवित होने लगी है। ग्रामीण महिलाएं शासन की पोषण बाड़ी योजना अंतर्गत अपनी बाड़ी में सब्जियों की पैदावारी लेकर घर की आमदनी बढ़ाने में सफल हो रही है।
इन्ही महिलाओं में से ग्राम परियाबाहरा की मथुरा बाई भी है। जिन्होंने अपनी बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर प्रतिमाह 5 से 10 हजार रूपये आमदनी अर्जित करने में सफलता पाई है। मथुरा बाई ने बताया कि पहने वह अपने पारंपरिक कार्य जंगल इत्यादि से वनोपज इकटठा करने व मजदूरी का कार्य करती थी। इससे परिवार का भरण-पोषण सही ढंग से नहीं हो पा रही थी।
उन्होंने अपने बाड़ी में सब्जियों की खेती करने के विचार से उद्यानिकी विभाग द्वारा गांव में बाड़ी विकास के लिए कराये जा रहे सर्वे में अपना नाम दर्ज करवाया। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने पोषण बाड़ी योजना अंतर्गत मथुरा बाई को सब्जियों के बीज, सब्जियों का थरहा, वर्मी कम्पोस्ट और मनरेगा के फलदार पौधे रोपण हेतु उपलब्ध कराये गये। मथुरा बाई ने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में अपने 0.300 रकबा के बाड़ी में आज अपने मेहनत और लगन से लाल भाजी, टमाटर, मूली, बैगन, करेला, मुनगा सब्जियों का उत्पादन कर रही है। बाड़ी में उत्पादित सब्जियों को स्थानीय बाजार में विक्रय कर 5-10 हजार रूपये का लाभ अर्जित कर रही है।
बाड़ी योजना अब मथुरा बाई के परिवार के लिए सब्जी की उपलब्धता के अलावा आर्थिक आमदनी का जरिया बन गया है। अब परिवार के सदस्यों के लिए अपने बाड़ी में ही काम मिल गया है। मथुरा बाई अपनी आमदनी से खुश होकर परिवार के माली हालत में सुधार हेतु सहयोग के लिए शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।