मुंबई। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया कि पिछले साल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व को एक नई आभा और चमक दी। अगर यह रुझान 2023 में भी जारी रहा तब देश अगले आम चुनावों में राजनीतिक बदलाव देख सकता है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना में अपने साप्ताहिक आलेख में राउत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को ‘‘ नफरत और विभाजन के बीज नहीं बोने चाहिए। राउत ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा सुलझ गया है। इस कारण इस मामले पर अब कोई वोट नहीं मांगे जा सकते। उन्होंने कहा इस कारण लव जेहाद का एक नया पेंच तलाशा जा रहा है। क्या लव जेहाद का यह नया हथियार चुनाव जीतने के लिए और हिंदुओं के बीच भय फैलाने में इस्तेमाल किया जा रहा है।
हाल में टेलीविजन कलाकार तुनिषा शर्मा की कथित तौर पर आत्महत्या और बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड का जिक्र कर राउत ने कहा कि ये ‘‘लव जेहाद के मामले नहीं थे। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी भी जाति अथवा धर्म की महिला को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
राज्यसभा सांसद राउत ने उम्मीद जाहिर की कि वर्ष 2023 में देश भयमुक्त बनेगा। इतना ही नहीं मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी की यात्रा सफल हो और अपना उद्देश्य हासिल करे।
राउत ने अपने आलेख में कहा कि पीएम मोदी कहते हैं हमें संकीर्ण बर्ताव से बचना चाहिए लेकिन तथ्य यह है कि यह रुख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में बढ़ा है। राउत ने कहा ‘‘ आज के शासक विपक्षी दलों के अस्तित्व और उनके अधिकारों को स्वीकार नहीं करना चाहते।
राज्य सभा सदस्य ने दावा किया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने से एक नए विभाजन की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा मोदी और शाह को घृणा और विभेद के बीज नहीं बोने चाहिए।