भोपाल (मध्यप्रदेश)। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की भाजपा के दफ्तर में सरकारी पैसे से भोजन व चाय पिलाने का का आरोप पर भाजपा ने घेराबंदी शुरू कर दी है, क्योंकि उन पर विधानसभा में गलत तथ्यों के आधार पर जानकारी देने का आरोप लगा है। भाजपा की ओर से चौतरफा हमले हो रहे है और उनसे इस्तीफे तक की मांग हो चली है, वहीं कांग्रेस पटवारी के साथ खड़ी होती नजर नहीं आ रही है।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी के आधार पर दावा किया था कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री निवास सहित अन्य स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में करोड़ों रुपए खर्च किया है, इसमें से कई कार्यक्रम भाजपा के दफ्तर में भी आयोजित किए गए थे। पटवारी ने आरोप तो यहां तक लगाया था कि चार सौ रुपये प्रति कप की दर से चाय तक पिलाई गई।
पटवारी के इस आरेाप में बाद भाजपा ने उनकी घेराबंदी तेज कर दी है। शुक्रवार को पटवारी पर चौतरफा हमले हुए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के भाषण के समय कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भाजपा को बदनाम करने के लिए आपराधिक षड़यंत्र कर सदन का दुरूपयोग किया। उन्होंने जिस तरह से सदन को गुमराह करने का प्रयास किया, वह बेहद आपत्तिजनक है। विधायक पटवारी ने यह दावा किया था कि अगर आरोप गलत निकले तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। आज प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सारे साक्ष्य मीडिया के सामने प्रस्तुत किए हैं, जिनसे यह साबित हो गया है कि जीतू पटवारी झूठ बोल रहे थे। इसलिए अब उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि पटवारी ने सदन में जवाब दिया, यह जवाब दो हिस्सों में था, जो कॉपी लहराई वह परिशिष्ट था, वही परिशिष्ट ब में जो जिक्र था उसका ब्यौरा नहीं दिया। उसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि उसका भुगतान भाजपा के द्वारा किया गया है। यह जवाब तब का है जब जीतू पटवारी मंत्री थे, उनकी (कांग्रेस) सरकार थी, तब का यह प्रश्न है तब की प्रश्नोत्तरी है। उन्होंने अपनी सरकार से भाजपा को बदनाम करने के लिए लिए उत्तर उस समय का दिलवाया। क्योंकि 131 करोड़ का जनसंपर्क घोटाला उनकी सरकार के काल में हुआ था।
मिश्रा ने कहा है कि पटवारी ने झूठ बोलकर भाजपा को बदनाम करने, सदन का उपयोग करने केा लेकर पार्टी के विधायक प्रश्न और संदर्भ समिति में शिकायत करेंगे। पार्टी अलग विचार करेगी। उन्हें अब छोड़ा नहीं जाएगा। पटवारी ने विधानसभा में यहां तक कहा था कि अगर उनके द्वारा दी गई जानकारी गलत हो तो उनकी सदस्यता निरस्त कर दी जाए।
कांग्रेस के नेता पटवारी के साथ खड़े होने में हिचक रहे हैं। विधायक कुणाल चौधरी और जयवर्धन सिंह ने पटवारी का साथ दिया है। दोनों विधायकों ने कहा है कि विधानसभा में जो जानकारी उपलब्ध कराई गई उसी के आधार पर पटवारी ने अपनी बात कही है।
ज्ञात हो कि पटवारी ने विधानसभा में उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर आरोप लगाया है कि यह सरकार जनता के पैसे की फिजूलखर्ची कर रही है। कर्ज लेकर घी पीने जैसी स्थिति हो गई है सरकार की। चाय 10 रुपये से 100 रुपये तक की होगी यह कल्पना की जा सकती है, मगर राज्य की षिवराज सरकार ने भाजपा कार्यालय में चार सौ रुपये प्रति कप की दर से चाय पिलाई है।